शेर (जो मोहब्बत के)
कौन ख़रीदेगा अब "हीरों" के दाम में तेरे आंसू
वो जो दर्द का ताजिर था "मुहब्बत" छोड़ दी उसने ...!!!
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कौन ख़रीदेगा अब "हीरों" के दाम में तेरे आंसू
वो जो दर्द का ताजिर था "मुहब्बत" छोड़ दी उसने ...!!!