बात महिलाओं की
कौनसे से मर्द ज्यादा मर्द है. वो जो डिसट्रक्टिव इट्रीब्यूट रखते हैं या वो स्ट्रेंथ करेज जैसे गुणों के साथ सेंसेटिव भी है. Peggy Drexler की किताब - Raising Boys Without Men: How Maverick Moms Are Creating the Next Generation of Exceptional Men पढ़ी. दो तीन बार पढ़ी. जिन लड़को के पास बचपन/ जवानी में घर में पापा पापा करने के लिए पापा नहीं होते हैं, वे भी बेहतरीन इंसान / पुरुष/ पापा बनते है. कई बार तो ट्रेडिशनल फैमिली में पले बच्चों से भी ज्यादा बेहतर पुरुष. जो मां (ए) अकेले बेटे पाल रही हैं, या लेस्बियन कपल्स ( वेस्टर्न सोसायटी में काफी है) उनका डर है कि बेटे के मर्द बनने में कोई कमी ना रह जाए क्योंकि घर में कोई पुरुष नहीं है. मतलब मैनली इट्रीब्यूट्स ( मर्दाना विशेषताएं) जैसे strength, courage, independence, leadership, and assertiveness जैसे गुणों की कमी ना रह जाए. ड्रेक्सलर ने अपनी एक्सटेंसिव रिसर्च में ये पाया इन गुणों की कमी सिर्फ इसलिए रह जाए कि घर में कोई पुरुष नहीं है तो ऐसा बिलकुल नहीं है. बल्कि बहुत से केसों में अकेली मां (ओ) के लड़कों में जेंडर सेंसेटिविटी ज्यादा देखी गई है. आप (मदर एंड फादर) अपने बेटों को कैसा मर्द बनता हुआ देखना चाहते है? और कौनसे से मर्द ज्यादा मर्द या ज्यादा अच्छे मर्द है.
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