जिस दिन राजनीति और धर्म अलग हो जाएंगे, उसी दिन हेच स्पीच बंद हो जाएगी: SC
जिस दिन राजनीति और धर्म अलग हो जाएंगे, उसी दिन हेच स्पीच बंद हो जाएगी: SC
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नफरत फैलाने वाले भाषणों (Hate Speech) को लेकर एक गंभीर बात कही। अदालत ने कहा कि ये तभी खत्म होगा जब राजनीति और धर्म दोनों अलग रहेंगे। यानी राजनीति में धर्म का इस्तेमाल करना बंद हो जाएगा। सर्वोच्च अदालत ने नफरत फैलाने वाले भाषणों को 'दुष्चक्र' बताया और कहा कि ऐसे बयान चरमपंथी तत्वों की ओर दिए जाते हैं। कोर्ट ने कहा कि लोगों को ऐसा करने से खुद को रोकना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बड़ी समस्या तब पैदा हो रही है जब राजनेता धर्म से राजनीति को मिलाने का प्रयास कर रहे हैं। अदालत ने दावे के साथ कहा कि उस समय नफरती भाषण खत्म हो जाएंगे जब राजनीति और धर्म अलग हो जाएंगे और राजनेता राजनीति में धर्म का इस्तेमाल करना बंद कर देंगे। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जोसेफ ने याद दिलाया कि अदालत ने हाल ही एक फैसले में कहा था कि लोकतंत्र के लिए राजनीति को धर्म से मिलाना खतरनाक है।
सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को एक याचिका की सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की। "हिंदू समाज" नामक एक संगठन की ओर से ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से वकील निजाम पाशा ने कहा कि नफरत का कोई धर्म नहीं होता। उन्होंने कहा, "कुछ लोगों द्वारा बयान दिए जा रहे हैं, जो समुदाय के विशाल बहुमत की सदस्यता नहीं लेते हैं। वे नियमित रूप से ऐसी बातें कह रहे हैं जो दूसरों की गरिमा को ठेस पहुंचा रही हैं। 'पाकिस्तान जाओ' जैसे बयान दिए जा रहे हैं।"
अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तारीख तय की और याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है। पीठ ने इस तरह की रैलियों में भाषणों के लिए वकील को फटकार लगाते हुए कहा, "क्या आपको देश के कानून को तोड़ने का अधिकार है? यदि आप देश के कानून को तोड़ते हैं तो यह आपके सिर पर ईंटों के ढेर की तरह गिरेगा।" जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ ने पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी के भाषणों का हवाला देते हुए कहा कि दूर-दराज के इलाकों और हर नुक्कड़ से लोग उन्हें सुनने के लिए इकट्ठा होते थे।
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?