₹500 के करोड़ों नोट गायब होने की खबरों पर RBI, कहा- डाटा को समझने में की गई गलती

आरबीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था से 500 रुपये के करोड़ों नोटों के गायब होने की खबर को लेकर बयान जारी किया है. केंद्रीय बैंक ने इसे सिरे से नकार दिया है और कहा है कि नोटों की छपाई से लेकर आरबीआई के पास आने तक हर काम के लिए मजबूत प्रोटोकॉल मौजूद है.

जून 18, 2023 - 11:41
जून 18, 2023 - 11:42
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₹500 के करोड़ों नोट गायब होने की खबरों पर RBI, कहा- डाटा को समझने में की गई गलती

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शनिवार देर रात एक प्रेस रिलीज के जरिए बताया कि सिस्टम से ₹88,032 करोड़ मूल्य के ₹500 वाले नोट गायब होने की बात गलत है. आरबीआई ने कहा कि मीडिया के कुछ वर्गों ने प्रिटिंग प्रेस से बैंक तक पहुंचने के बीच नोटों के गायब होने की बात प्रसारित की है. आरबीआई के अनुसार, ये रिपोर्ट सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत प्रिंटिंग प्रेसों से जुटाई गई जानकारी की गलत व्याख्या पर आधारित हैं.

बकौल आरबीआई, “प्रिंटिंग प्रेसों से आरबीआई को भेजे गए सभी बैंक नोटों का उचित हिसाब रखा जाता है. यह भी बता दें कि कि प्रेसों में छपे और आरबीआई को भेजे गए बैंकनोटों के मिलान के लिए मजबूत प्रणालियां हैं, जिनमें उत्पादन की निगरानी के साथ-साथ नोटों के स्टोरेज और वितरण के लिए प्रोटोकॉल शामिल हैं.” आरबीआई ने जनता से आग्रह किया है कि ऐसे मामलों में वे समय-समय पर आरबीआई द्वारा प्रकाशित सूचनाओं पर भरोसा करें.

शनिवार को एक रिपोर्ट छापी गई थी जिसमें नोट गायब होने की बात कही गई थी. इस रिपोर्ट में एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI) के माध्यम से प्राप्त आंकड़ों का हवाला दिया गया था. इसमें कहा गया था कि ₹88,032.50 करोड़ मूल्य के ₹500 के नोट गायब हैं. तीन प्रिंटिंग प्रेसों के आंकड़ों से पता चला है कि नए डिजाइन किए गए ₹500 के नोटों के 8810.65 मिलियन पीस तीन करेंसी नोट प्रेसों द्वारा प्रिंट किए गए थे. हालाँकि, RBI के रिकॉर्ड बताते हैं कि 2016-17 के दौरान केवल 7260 मिलियन पीस ही प्राप्त हुए थे.

आरटीआई एक्टिविस्ट का दावा है कि अप्रैल 2015 से मार्च 2016 के दौरान नासिक टकसाल में 210 मिलियन नोट छापे गए नोट गायब हैं. नासिक करेंसी प्रिटिंग प्रेस में अप्रैल 2015 और दिसंबर 2016 के बीच ₹500 के नए नोटों के 375.450 मिलियन पीस छापे गए थे, लेकिन आरबीआई के रिकॉर्ड में केवल 345 मिलियन नोट ही दिखते हैं. आरटीआई के मुताबिक, इन नोटों को गवर्नर के रूप में रघुराम राजन के कार्यकाल के दौरान आरबीआई को दिया गया था.

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