कविता अनुवाद
मैं मामूली चीज़ों के पीछे छिपता हूँ
ताकि तुम मुझे पा सको ;
तुम मुझे नहीं पाओगी तो उन चीज़ों को पाओगी।
तुम उसे छुओगी जिसे मेरे हाथों ने छुआ है।
हमारे हाथों की छाप आपस में मिल जाएगी।
????️ यानिस रित्सोस, एक कविता में
(अनुवाद : मंगलेश डबराल)
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