दंतेवाड़ा नक्सली हमले में ड्राइवर के गुटखे की लत से बच गई 7 जवानों की जिंदगी
दंतेवाड़ा नक्सली हमले में पुलिस काफिले में शामिल एक ड्राइवर ने कई खुलासे किए हैं। ड्राइवर ने बताया कि उसका वाहन काफिले में सबसे आगे थे बाद में कुछ वाहनों ने ओवरटेक किया। बम धमाके की आवाज 200 मीटर तक सुनाई दी।
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सली हमले में 10 जवानों के शहीद होने के बाद प्रदेश में सन्नाटा पसर गया है। सुरक्षाबल के 10 जवानों समेत 11 लोगों की मृत्यु के प्रत्यक्षदर्शी एक ड्राइवर ने कई खुलासे किए हैं। घटना के बाद से ड्राइवर विचलित है और उसे यकीन नहीं हो रहा है कि वह जीवित बचकर आ गया है। प्रदेश के दंतेवाड़ा जिले में बुधवार को अरनपुर से जिला मुख्यालय लौटने के दौरान सुरक्षाबलों के काफिले के एक अन्य वाहन के चालक ने बताया कि कैसे उसका वाहन पीछे हो गया। उसने बताया कि जब गुटखा चबाने के लिए उसने अपने वाहन को धीरे किया तो पीछे चल रहे अन्य वाहन ने उन्हें ओवरटेक किया और कुछ दूरी पर ही विस्फोट की चपेट में आ गया। इस घटना में वाहन परखच्चे उड़ गए।
वाहन चालक ने बताया कि घटना के बाद उसके वाहन में सवार सात सुरक्षाकर्मी नीचे कूदे और सड़क के किनारे पोजीशन लेकर जंगल की ओर गोलीबारी शुरू कर दी। नाम नहीं छापने की शर्त पर लगभग 20 वर्षीय इस वाहन चालक ने बताया, ''मेरा वाहन काफिले में दूसरे स्थान पर था। वाहन में सात सुरक्षाकर्मी यात्रा कर रहे थे। गुटखा चबाने के लिए जब मैने अपना वाहन धीमा किया। तब हम जिस जगह धमाका हुआ उससे लगभग 200 मीटर पहले थे। इस बीच हमारे पीछे वाली गाड़ी ने हमें ओवरटेक किया और कुछ दूर जाने पर अचानक एक धमाका हुआ। मुझे लगता है कि निशाने पर हमारी गाड़ी थी लेकिन भगवान ने हमें बचा लिया।''
उन्होंने बताया, ''इससे पहले कि धूल और धुएं का बादल छंटता, मेरे वाहन में सवार सभी सुरक्षाकर्मी और मैं वाहन से बाहर कूद गए। सुरक्षाबल के जवानों ने सड़क किनारे पोजीशन ले ली और उन्हें (नक्सलियों को) घेरने के लिए चिल्लाने लगे तथा अंधाधुंध फायरिंग करने लगे।'' वाहन चालक ने बताया, ''वाहन को मेरे सामने उड़ाया गया था। मैंने सड़क पर शवों और वाहन के टुकड़े बिखरे हुए देखे। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मैं छिपने के लिए रेंगता हुआ अपने वाहन के नीचे चला गया।''
वाहन चालक ने बताया, ''मैंने देखा कि डीआरजी और सीआरपीएफ के अन्य जवान पैदल ही घटनास्थल की ओर बढ़ने लगे।'' प्रत्यक्षदर्शी युवक कहता है कि वह इस घटना से बाल—बाल बचा है और इस घटना को वह जीवन भर नहीं भूलेगा। वाहन चालक ने बताया कि वह विस्फोट में मृत वाहन चालक धनीराम यादव से परिचित था। उसके लिए उसके आंसू नहीं रुक रहे हैं। घटना के बाद सोशल मीडिया में मोबाइल फोन से लिया गया एक वीडियो भी वायरल हुआ है। जिसे विस्फोट के बाद लिया हुआ वीडियो बताया जा रहा है।
वाहन चालक ने कहा कि गोलीबारी करीब 15 मिनट तक जारी रही लेकिन उसने जंगल में किसी संदिग्ध को नहीं देखा। उसने बताया, ''सुरक्षाकर्मियों ने मुझे अरनपुर लौटने के लिए कहा, जिसके बाद मैं हमले की जगह से लगभग एक किलोमीटर दूर पुलिस थाना वापस चला गया। वापस लौटते समय मैंने पीछे आ रहे पुलिसकर्मियों के दो वाहनों को घटना की जानकारी दी। हालांकि तब तक उन्हें आभास हो गया था कि कुछ हुआ है, क्योंकि विस्फोट की आवाज इतनी तेज थी कि इसे दूर से भी सुना जा सकता था।''
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?