गर्भपात की पर्ची से खुला हत्यारे प्रेमी का राज
लापता बेटी की याद में परिजन उसके कमरे में पहुंचे. अचानक उनके हाथ बेटी की डायरी लगी. डायरी के पन्नो के बीच में एक पर्ची मिली, उससे देखकर परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई, वो पर्ची और किसी की नहीं उनकी की थी.
झारखंड की राजधानी रांची में 27 दिन पहले मिले एक नर कंकाल पर जमी धूल गर्भपात के पर्चे ने साफ कर दी. नर कंकाल की पहचान एक लापता 22 साल की लड़की के रूप में हुई है. गहन जांच के बाद पुलिस ने हत्यारोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में उसने बताया कि प्रेमिका के शादी के दबाव से तंग आकर पहले उसकी हत्या की. उसके बाद जंगल में घसीटकर ले गया और साक्ष्य मिटाने के लिए पेट्रोल डालकर शव को जला दिया. पुलिस ने 52 दिनों बाद हत्याकांड का राजफाश किया.
मामला ओरमांझी थाना क्षेत्र के अंतर्गत उकरीद पहाड़ का है. यहां 27 फरवरी को बरामद नर कंकाल की पहचान चुटिया थाना क्षेत्र अंतर्गत महादेव टोली की निवासी रश्मि मुंडा(22) के रूप में हुई है. मृतका 13 फरवरी से लापता थी, उसके परिजनों ने 14 फरवरी को थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई. लापता युवती की तलाश में पुलिस ने लगातार छानबीन शुरु कर दी. हालांकि, पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा. बेटी की याद में परिजन उसके कमरे में पहुंचे. अचानक उनके हाथ बेटी की डायरी लगी. डायरी के पन्नो के बीच में एक पर्ची मिली, उससे देखकर परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई, वो पर्ची और किसी की नहीं रश्मि की थी.
परिजन गर्भपात की पर्ची लेकर तत्काल चुटिया थाना के प्रभारी वेंकटेश कुमार के पास पहुंचे. पुलिस तत्काल नर्सिंग होम पहुंची और मामले की छानबीन की. जिसमें मृतक रश्मि के प्रेमी पंकज महतो का पर्दाफाश हुआ. बताया कि 13 फरवरी को उसकी प्रेमिका रश्मि उसके पास आ गई थी और उसके साथ रहने की जिद करने लगी. समझाने के बाद भी वो घर वापस लौटने को तैयार नहीं थी.
इसी बीच रात में दोनों का झगड़ा हो गया. घर में रखी किसी भारी चीज से रश्मि के सिर पर वारकर उसकी हत्या की. उसके बाद बोरे में भर कर जंगल तक ले गया. साक्ष्य मिटाने के लिए पेट्रोल डालकर जला दिया. उसने यह भी बताया कि प्रेम प्रसंग के दौरान वो प्रेग्नेंट भी हो गई थी, जिसके चलते नर्सिंग होम में उसका गर्भपात भी कराया था.
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