शराब घोटाले के किंगपिन हैं सिसोदिया, CBI ने अदालत के सामने किए दावे

जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने अदालत में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू से पूछा कि वो इस पूरे घोटाले को समझाएं। एएसजी ने कहा कि आरोपी पैसा कमाना चाहते थे लेकिन उस वक्त वो यह दिखाना नहीं चाहते थे।

अप्रैल 26, 2023 - 20:00
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शराब घोटाले के किंगपिन हैं सिसोदिया, CBI ने अदालत के सामने किए दावे

सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को आबकारी नीति घोटाले से जुड़ी कई अहम बातें बताई हैं। सीबीआई ने अदालत को बताया कि रद्द की जा चुकी शराब नीति को बड़ी चालाकी से दिल्ली में शराब कारोबार से जुड़ी गुटबंदी को प्रभावित करने के लिए बदला गया था। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कारोबारी विजय नायर मुख्य साजिशकर्ता थे। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने इस मामले में दूसरे लोगों को दी गई राहत के आधार पर खुद के लिए राहत मंगी थी और दावा किया था कि वो गवाहों या सबूतों से छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं। 

जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने अदालत में सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू  से पूछा कि वो पूरे घोटाले को समझाएं। एएसजी ने कहा कि आरोपी पैसा कमाना चाहते थे लेकिन उस वक्त वो यह भी दिखाना चाहते थे कि वो पारदर्शिता बरतते हैं लेकिन उन्होंने पारदर्शिता नहीं बरती थी। 

कानून अधिकारी ने कहा कि यह एक धोखाधड़ी थी। एक घोटाला था जहां से पैसे बनाने थे। लेकिन वो चाहते थे कि वो खुद को पारदर्शी दिखााएं। शराब बनाने वाले, होलसेलर और रिटेलर सभी जुड़े हुए थे। नीति के फलदायक बनाने से पहले 90-100 करोड़ रुपये घूस लिये गये। मनीष सिसोदिया इन सभी चीजों में शामिल थे। उन्होंने हाईकोर्ट को यह भी बताया कि 25 अप्रैल को ट्रायल कोर्ट में चार्जशीट फाइल की गई थी। 

एएसजी ने आगे बताया कि नीति को लेकर उपराज्यपाल से कोई चर्चा नहीं की गई थी और नई नीति को लागू भी कर दिया गया। पुरानी नीति से रिश्वत ले पाना संभव नहीं था। मनीष सिसोदिया और अन्य आरोपियों ने मिलकर साजिश की और नीति बनाया जिसे एलजी ने अप्रूवल नहीं दिया। मनीष सिसोदिया ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रची और ऐसी शराब नीति बनाई। इस नीति को एलजी की मंजूरी नहीं मिली थी।

इसके बाद अदालत ने मामले में शुक्रवार तक सुनवाई टाल दी। सीबीआई ने लिखित तौर से सिसोदिया की जमानत का विरोध करते हुए दावा किया है कि आप नेता गंभीर आर्थिक अपराध में शामिल थे और इस पूरे क्राइम के साजिशकर्ता थे। सीबीआई ने कहा है कि अगर उन्हें किसी तरह से जमानत दी जाती है तो इससे जांच की दिशा प्रभावित होगी।  सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को किंगपिन बताते हुए कहा है कि वो इस साजिश के मुख्य आर्किटेक हैं। 

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