कोविड घोटाले में ED की छापेमारी में करोड़ों रुपए जब्त

कोविड स्कैम में ईडी की अब तक की जांच में कुछ चौंकानेवाले खुलासे हुए हैं. पिछले 2 दिनों से जांच एजेंसी ईडी ने छापेमारी में बड़ी मात्रा में कैश और अचल संपत्ति के दस्तावेज को भी जब्त किया है. ईडी सूत्रों के मुताबिक कोविड घोटाले में किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया है.

जून 23, 2023 - 20:54
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कोविड घोटाले में ED की छापेमारी में करोड़ों रुपए जब्त

कोविड स्कैम में ईडी की अब तक की जांच में कुछ चौंकानेवाले खुलासे हुए हैं. पिछले 2 दिनों से जांच एजेंसी ईडी ने छापेमारी में बड़ी मात्रा में कैश और अचल संपत्ति के दस्तावेज को भी जब्त किया है. ईडी सूत्रों के मुताबिक कोविड घोटाले में किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया है और इस मामले में अब बीएमसी के मेयर भी ईडी के रडार पर आ गए हैं. वहीं इस मामले में डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडनवीस ने कहा कि जो मुर्दों की खोपड़ी पर मख्खन लगाकर खाता है उसका उद्धार नहीं होता. इस मामले की जांच होगी.

इस मामले में चल रही ईडी की जांच में जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार शवों को सील करने के लिए जो बैग खरीदे गए थे, उनकी खरीद में बीएमसी ने बड़ा घोटाला किया था. आरोप है कि जो कंपनी शवों को सील करने के लिए ये बैग मार्केट में दो हजार रुपए की दर से बेच रही थी उसी बैग को बीएमसी ने तीन गुना से अधिक, 6800 रुपये की दर से खरीदा. आरोप के मुताबिक इस कंपनी को ये कॉन्ट्रैक्ट तत्कालीन मेयर की सिफारिश पर दिया गया. कोविड के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं बीएमसी को मिलने वाली दरों से 25 से 30 फीसदी कम दाम पर बाजार में उपलब्ध थीं.

यह बात उनके संज्ञान में आने के बाद भी बीएमसी अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की. लाइफलाइन अस्पताल ने बीएमसी को दिए बिल में दिखाए गए डॉक्टरों की तुलना में 60-65 प्रतिशत कम डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ ही उपलब्ध कराए थे. कंपनी बिल में उन डॉक्टरों के नाम भी दिखा रही थी जो कभी काम कर ही नहीं रहे थे, लेकिन झांसा यही दिया गया कि वे जंबो कोविड सेंटर में काम कर रहे थे.

अलग अलग ठिकानों पर हुई अबतक की छापेमारी में तकरीबन 70 करोड़ नकद, महाराष्ट्र में 150 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की तकरीबन 50 अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज, 15 करोड़ की एफडी निवेश दस्तावेज, करीब 2.5 करोड़ की ज्वेलरी इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. सूरज चव्हाण के मोबाइल फोन में उनके और लाइफलाइन के पार्टनर्स के बीच के चैट मिले हैं, जिसको लेकर ईडी को संदेह है कि सूरज चव्हाण लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट फर्म को बीएमसी से ठेका दिलाने के लिए प्रभावित कर रहे थे.

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