सिद्धारमैया की 5 खूबियां, जो DK शिवकुमार पर भारी पड़ीं
सिद्धारमैया की 5 खूबियां, जो DK शिवकुमार पर भारी पड़ीं
कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर चल रही माथापच्ची आखिरकार समाप्त हो गई। पार्टी आलाकमान ने एक बार फिर से सिद्धारमैया पर ही भरोसा जताया है। यानी सिद्धारमैया ही इस बार भी कांग्रेस पार्टी की तरफ से कर्नाटक के मुख्यमंत्री होंगे। वे 20 मई को शपथ लेंगे। वहीं डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम के पद से संतोष करना पड़ा। चलिए जानते हैं सिद्धारमैया की ऐसी कौन सी 5 खूबियां हैं जो डीके शिवकुमार पर भारी पड़ रही हैं। सिद्धारमैया की 5 खूबियां 1. सोशल इंजीनियरिंग के मामले में सिद्धारमैया को कांग्रेस का एक नंबर नेता माना जा रहा है। उन्हें कर्नाटक में अहिंदा समीकरण का जनक कहा जाता है। अहिंदा का मतलब अल्पसंख्यातारु (अल्पसंख्यक), हिंदूलिद्वारू (पिछड़ा वर्ग) और दलितारु (दलित वर्ग) होता है। अहिंदा समीकरण के तहत सिद्धारमैया का फोकस राज्य की 61 प्रतिशत आबादी थी।
2. सिद्धारमैया के ऊपर भ्रष्टाचार के कोई आरोप नहीं हैं। उन्हें राज्य में सबसे साफ छवि का नेता माना जाता है।
3. सिद्धारमैया का मुस्लिम समुदाय में अच्छी पैठ मानी जाती है। क्योंकि 2013 से 2018 तक जब तक वे सीएम रहे इस दौरान उन्होंने टीपू सुल्तान को कर्नाटक में नायक के तौर पर स्थापित करने की कोशिश की।
4.कुरबा जाति पर सिद्धारमैया की पूरी पकड़ है। राज्य में इसकी तीसरी सबसे अधिक आबादी है । साथ ही सिद्धारमैया को राज्य में बड़ा ओबीसी नेता माना जाता है।
5. जानकारी के मुताबिक विधायकों में भी करीब 60 फीसदी सिद्धरमैया का समर्थन करते नजर आ रहे थे। 2013 में जब मल्लिकार्जुन खरगे को सीएम बनाने की बात सामने आई तो सिद्धारमैया ने लगभग 70 फीसदी विधायकों को अपने पाले में ले लिया, जिसका नतीजा ये रहा कि जेडीएस से आए सिद्धारमैया को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पद दे दिया।
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