नई पार्टी लॉन्च कर सकते हैं सचिन पायलट
एक शख्स ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कहा, ''आईपैक से 100 लोग वर्तमान में सचिन के साथ काम कर रहे हैं ... हमें लगभग 1,100 और नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है।''
राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच विवाद छिड़ा हुआ है। पायलट बीजेपी नेताओं के खिलाफ ऐक्शन समेत कई अन्य मांगों पर अड़े हुए हैं। बीते दिनों कांग्रेस आलाकमान के सामने गहलोत और सचिन पायलट की पेशी भी हुई, जिसके बाद दावा किया गया कि सबकुछ ठीक हो गया है। हालांकि, यह पूरी तरह सच नहीं है। दरअसल, आने वाले दिनों में पायलट राजस्थान की राजनीति में बड़ा धमाका कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो पायलट इसी महीने नई पार्टी लॉन्च कर सकते हैं।
नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर सूत्र ने बताया, ''पायलट के इरादे स्पष्ट हैं। उन्होंने फैसला कर लिया है कि वह अपने नए प्रयास को आगे बढ़ाएंगे और सफल होने तक नहीं रुकेंगे। वह सावधानी से चलने की योजना बना रहे हैं। सचिन खुद को ऐसी स्थिति में नहीं रखना चाहते, जहां कोई उन पर उंगली उठा सके। प्रक्रिया अचानक नहीं है।''
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की आईपैक की सेवाएं भी सचिन पायलट ले रहे हैं। मालूम हो कि आईपैक प्रशांत किशोर की संस्था रही है, जिसने पश्चिम बंगाल, पंजाब, बिहार आदि में कई दलों को चुनाव जितवाने में मदद की है। 'न्यूजलॉन्ड्री' की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सचिन पायलट ने अपने इरादे स्पष्ट कर लिए हैं। आईपैक के एक वरिष्ठ सूत्र ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि पायलट ने कुछ समय पहले उनकी सेवाएं ली थीं और पायलट दो से तीन सप्ताह में अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी लॉन्च करेंगे।
आईपैक से संबंधित दो अन्य लोगों ने भी यह पुष्टि की है कि संस्था सचिन पायलट को उनकी नई पार्टी बनाने में मदद कर रही है। इन दो लोगों में एक पूर्व कर्मचारी है तो एक वर्तमान। एक शख्स ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कहा, ''आईपैक से 100 लोग वर्तमान में सचिन के साथ काम कर रहे हैं ... हमें लगभग 1,100 और नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है। हमने इस नई पार्टी के लिए नाम सुझाए हैं।'' यह भी दावा किया गया है कि जून में ही सचिन पायलट अपनी नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं। सूत्र ने कहा कि अगर हम दृढ़ता से आश्वस्त नहीं होते कि वह एक नई पार्टी शुरू करेंगे, तो इतने लोगों को काम पर नहीं रखा जाता।
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