शरद पवार के हाथ से फिसल रही NCP?
महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा खेल होने की चर्चाएं तेज हैं। शिवसेना के बाद अब एनसीपी में बगावत हो सकती है। शरद पवार के भतीजे अजित पवार के साथ 35 विधायक भाजपा का समर्थन करने पर राजी हैं।

शिवसेना के बाद एनसीपी बिखरने जा रही है क्या? महाराष्ट्र की राजनीति में फिलहाल जो चर्चाएं और घटनाक्रम हैं, उससे यही कयास लग रहे हैं। एनसीपी के सीनियर नेता अजित पवार को लेकर कहा जा रहा है कि वह अपने चाचा और पार्टी मुखिया शरद पवार से बगावत करके भाजपा के साथ जा सकते हैं। शरद पवार ने ऐसे सवालों पर सीधे तौर पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन भाजपा के साथ जाने को आत्महत्या करने जैसा बताया है। कहा जा रहा है कि शरद पवार डैमेज कंट्रोल में जुटे हैं और पार्टी के नेताओं को साध रहे हैं। लेकिन उनकी कवायद बेकार होती दिख रही है।
सूत्रों से खबर यह है कि 30 से 34 विधायक अजित पवार के समर्थन में हैं। इन लोगों की ओर से अजित पवार को भाजपा के साथ जाने के लिए हरी झंडी दी गई है। इन नेताओं में प्रफुल्ल पटेल भी शामिल हैं, वहीं प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने इसका विरोध किया है। इससे पहले सोमवार को एनसीपी विधायक अन्ना बंसोडे और माणिकराव कोकाटे ने कह दिया था कि वह अजित पवार के साथ रहेंगे, भले ही वह किसी के भी साथ जाने का फैसला लें। साफ है कि शरद पवार भले ही पार्टी को साधने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब एनसीपी उनके हाथ से फिसलती दिख रही है।
एनसीपी के टूटने को लेकर कयास शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले के एक बयान से भी तेज हुई है। सुप्रिया सुले का कहना है कि अगले 15 दिनों में दिल्ली और महाराष्ट्र की राजनीति में दो बड़े विस्फोट होंगे। एक मराठी चैनल से बातचीत में पुणे के पिंपरी चिंचवाड़ एनसीपी विधायक अन्ना बंसोडे ने कहा, 'मैंने नवंबर 2019 में भी अजित पवार का खुलकर समर्थन किया था, जब उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ ली थी। मैं भविष्य में भी उनके साथ हूं, भले ही वे किसी के भी साथ चले जाएं।'
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