शेर
फिर चली है रेल स्टेशन से लहराती हुई
नीम-शब की ख़ामोशी में ज़ेरे-लब गाती हुई
- मजाज़
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फिर चली है रेल स्टेशन से लहराती हुई
नीम-शब की ख़ामोशी में ज़ेरे-लब गाती हुई
- मजाज़