कंगाल पाकिस्तान सैनिकों का पेट नहीं भर पा रहा खाने में कर दी कटौती;
रावलपिंडी में कुछ फील्ड कमांडरों ने क्वार्टर मास्टर जनरल (QMG) कार्यालय को पत्र लिखा है। पत्र में सेना के सभी मेस में सैनिकों को भोजन की आपूर्ति में कटौती की ओर इशारा किया गया है।
एक रिपोर्ट में बताया गया कि पाकिस्तान सेना के कुछ फील्ड कमांडर्स की तरफ से क्वार्टर मास्टर जनरल (QMG) ऑफिस को चिट्ठी लिखी गई है। इस चिट्ठी में ही सैनिकों की फूड सप्लाई में होने वाली कमी का जिक्र किया गया है। क्यूएमजी की तरफ से चीफ ऑफ लॉजिस्टिक स्टाफ (CLS) और डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) से इस स्थिति पर चर्चा की गई है।
क्यूएमजी, सीएलएस और डीजी एमओ ने भी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ खाद्य आपूर्ति के मुद्दों के बारे में चिंता जताई और उन्हें देश में सुरक्षा स्थिति और चल रहे सैन्य अभियानों के बारे में जानकारी दी। रिपोर्ट की मानें तो पाक सेना इस समय गंभीर खाद्यान्न संकट से जूझ रही है।
अफगान सीमा पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बढ़ते हमलों के बीच पाकिस्तानी सेना और उसके अर्धसैनिक बल देश भर में विभिन्न अभियानों में सीमाओं पर लगे हुए हैं। ऐसे में पाकिस्तानी सेना "लॉजिस्टिक और सप्लाई में अधिक कटौती करने की स्थिति में नहीं है।" क्योंकि ऐसा करने पर उसके कई ऑपरेशन रुक जाएंगे। डीजी मिलिट्री ऑपरेशंस ने कहा कि सैनिकों को अधिक भोजन और विशेष धन की आवश्यकता है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि बढ़ती महंगाई और विशेष फंड में कटौती के बीच पाक आर्मी अपने जवानों को "दो वक्त" का खाने खिलाने में भी सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा, "हमने पहले ही सैनिकों के भोजन कोष (फूड फंड) में कटौती कर दी है। फूड फंड को 2014 में ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब के दौरान जनरल राहील शरीफ ने दोगुना किया था।"
सेना प्रमुख मुनीर ने क्यूएमजी, सीएलएस और डीजी एमओ को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सेना के लिए तत्काल आधार पर खाद्य आपूर्ति और रक्षा मंत्रालय से धन सहित सभी मांगों को पूरा किया जाए। बजट 2022-23 के अनुसार, रक्षा व्यय के लिए 1.52 ट्रिलियन रुपये (लगभग 7.5 बिलियन डॉलर) आवंटित किए गए हैं। पाकिस्तानी सेना औसतन प्रति सैनिक 13,400 डॉलर सालाना खर्च करती है।
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