कविता
सीढियाँ कभी खत्म नहीं होती,
सीढियाँ चढ़ते हुए
जो उतरना भूल जाते है
वे घर नहीं लौट पाते।
- नरेश सक्सेना
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
सीढियाँ कभी खत्म नहीं होती,
सीढियाँ चढ़ते हुए
जो उतरना भूल जाते है
वे घर नहीं लौट पाते।
- नरेश सक्सेना