समालोचना
नशे के मामले में हम बहुत ऊँचे हैं।
दो नशे ख़ास हैं
हीनता का नशा और उच्चता का नशा,
जो बारी-बारी से चढ़ते रहते हैं।
- हरिशंकर परसाई
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
नशे के मामले में हम बहुत ऊँचे हैं।
दो नशे ख़ास हैं
हीनता का नशा और उच्चता का नशा,
जो बारी-बारी से चढ़ते रहते हैं।
- हरिशंकर परसाई