परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के लिए मजबूर हो सकते हैं पुतिन
पश्चिमी मीडिया का दावा है कि हाल ही में रूस को यूक्रेन युद्ध में बड़ा सबसे बड़ा झटका लगा जब उसने 300 सैनिक और 100 से अधिक सैन्य वाहन एक ही दिन में गंवा दिए।
द सन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने अमेरिका के लिए खतरों पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। नेशनल इंटेलिजेंस की निदेशक एवरिल हैन्स ने कहा कि वह यूक्रेन युद्ध के दूसरे साल में व्लादिमीर पुतिन की सेना को और अधिक 'सफलता हासिल करते हुए नहीं देखती' हैं। सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी की बैठक में हैन्स ने कहा कि रूस को नुकसान उठाना पड़ा है जिसके पुनर्निर्माण में कई साल लग जाएंगे। इससे रूस की पारंपरिक सैन्य खतरा पैदा करने की क्षमता कम हो जाएगी। हैन्स ने कहा, 'नतीजतन, रूस दूसरे विकल्पों पर और अधिक निर्भर हो जाएगा, जैसे- न्यूक्लियर, साइबर, स्पेस क्षमताएं और चीन।'
उन्होंने कहा कि रूस को यूरेशिया और वैश्विक मंच दोनों जगह परेशानियों का सामना करना होगा क्योंकि एक सैन्य शक्ति के रूप में वह कमजोर हो चुका है। यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से पुतिन कई बार परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के संकेत दे चुके हैं। एक आशंका इस बात की भी थी कि वह काला सागर में परमाणु बम का परीक्षण कर सकते हैं। रूस ने हाल ही में कथित तौर पर अपनी हाइपरसोनिक Satan-2 परमाणु-सक्षम मिसाइल का परीक्षण किया था, जब बाइडन यूक्रेन के दौरे पर थे।
यूक्रेन की पारंपरिक ताकतों को कुचलने के बाद रूस को परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। अमेरिका के एक शीर्ष जासूस ने चेतावनी दी है। यूक्रेनी सेना की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, व्लादिमीर पुतिन के आक्रमण में 1,55,000 से अधिक सैनिकों और भारी मात्रा में हथियारों का नुकसान हुआ है। रूसी राष्ट्रपति को उम्मीद नहीं थी कि यह लड़ाई इतनी लंबी चलेगी। वह तीन से चार दिनों में कीव पर कब्जा करने की उम्मीद में थे। लेकिन पुतिन का हमला एक बड़े पैमाने की सैन्य विफलता में बदल गया है जिसमें लगातार सैनिकों की मौत हो रही है।
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