कविता
एकाएक हृदय धड़ककर रुक गया, क्या हुआ !!
नगर से भयानक धुआँ उठ रहा है,
कहीं आग लग गयी,
कहीं गोली चल गयी।
मुक्तिबोध
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
एकाएक हृदय धड़ककर रुक गया, क्या हुआ !!
नगर से भयानक धुआँ उठ रहा है,
कहीं आग लग गयी,
कहीं गोली चल गयी।
मुक्तिबोध