शेर
अबके हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों मे मिले
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों मे मिले
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अबके हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों मे मिले
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों मे मिले