बरेलवी उलमा का फतवा- पहचान छिपाकर की गईं शादियां नाजायज
बरेलवी उलमा ने कहा- टीका-सिंदूर लगाना हराम; कड़ा पहनने, धागा बांधने की इजाजत इस्लाम में नहीं
बरेलवी उलमा मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने रविवार को लव जिहाद के खिलाफ फतवा जारी किया। उन्होंने कहा- ऐसे युवक जो अपनी इस्लामिक पहचान छिपाकर दूसरे मजहब की लड़कियों से शादी करते हैं, वो इस्लाम के खिलाफ है। इस्लाम में सिंदूर लगाना, टीका लगाना, कड़ा और हाथ पर धागा बांधने की इजाजत नहीं है।
उन्होंने कहा- इस्लाम में टीका लगाने, जुन्नार बांधने, चोटी रखने वाले को शरीयत ने सख्ती के साथ गुनाहे कबीरा माना है। जो मुस्लिम लड़के अपनी इस्लामिक पहचान छिपाने की नीयत से और दूसरे मजहब की लड़कियों के साथ शादी करने की नीयत से यह प्रपंच रचते हैं, वो इस्लाम से निकल जाने के करीब हो जाते हैं।
इस्लाम के मानने वालों को हमेशा यह ख्याल रखना चाहिए कि इस्लाम ने उन्हें जीने का एक तरीका दिया है। जो काफी शानदार है, उनके मजहब ने मुसलमान जाहिर होने के लिए कुछ निशान व पहचान भी दी हुई हैं।
बरेली की दरगाह आला हजरत से जुड़े मुफ्ती मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने कहा- शरई रोशनी में पहचान छिपाकर की गई शादियों को नाजायज और हराम माना गया है। अल्लाह ताला ने कुरान शरीफ में इरशाद फरमाया कि ऐ मोमीनों गैर मुस्लिम औरतों से उस वक्त तक निकाह न करें, जब तक वह ईमान वाली न हो जाएं।
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