यूपी बोर्ड 10वीं-12वीं के एग्जाम खत्म, 4 लाख से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा छोड़ी
नकल विहीन और बिना की पेपर लीक मामले के यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं.
यूपी बोर्ड 10वीं (हाईस्कूल) और 12वीं (इंटरमीडिएट) की परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं. 16 फरवरी से 04 मार्च तक आयोजित हुई यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं इस बार नकल विहीन सम्पन्न हुईं. न कोई संगठित नकल का मामला सामने आया और न ही कोई पेपर लीक की शिकायत आई. 30 साल में ये पहली बार रहा जब पेपर लीक होने की वजह से कोई परीक्षा कैंसिल नहीं हुई. परीक्षा समाप्त होने के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश ने आंकड़े जारी किए हैं.
वहीं नकल करने वाले छात्रों पर भी अनुचित साधनों के प्रयोग के तहत होने वाली कार्रवाई कर परीक्षा से वंचित किया जाएगा. सख्ती का असर पहले ही दिन से देखने को मिला और रजिस्ट्रेशन कराने वाले 4 लाख से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी. कुल 5454174 छात्रों ने ही परीक्षा दी जिसमें हाईस्कूल के 2907533 और इंटर के 2546640 छात्र शामिल रहे.
माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) देश में परीक्षा कराने वाली सबसे बड़ी संस्था है. बोर्ड द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक, इस बार की परीक्षाओं में 58 लाख 85 हजार 745 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. इसमें हाई स्कूल के 3116487 छात्र थे, जबकि इंटरमीडिएट के 2769258 छात्र शामिल थे. परीक्षा शुरू होने से पहले इस बात का फैसला किया गया था कि संगठित नकल कराने पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी.
नकलविहीन कराने के लिए जिले में 1390 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 455 जोनल मजिस्ट्रेट, 531 सचल दल और 75 राज्य स्तरीय पर्यवेक्षको की नियुक्ति की गई. परीक्षा में नकल रोकने के लिए प्रदेश भर में 1.43 लाख परीक्षा कक्षों मे 3 लाख वॉइस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. इसके साथ ही डीवीआर राउटर डिवाइस और हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन की व्यवस्था की गई थी. आंसर शीट के ऊपर QR कोड और यूपी बोर्ड का लोगो भी प्रिंट किया गया है. इस परीक्षा में पहली बार 20 अंकों की परीक्षा OMR शीट पर हुई. संवेदनशील और अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्रों की निगरानी के लिए STF के जवान तैनात थे.
यूपी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार 30 साल में पहली बार परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्न पत्र लीक होने का एक भी वाकया सामने नहीं आया. कुछ मामले पाए गए जिन पर कार्रवाई हुई. छात्रों, कक्ष निरीक्षकों, प्रधानाचार्यों, प्रबंधकों व अन्य के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई. अनुचित साधनों का प्रयोग करते 81 छात्र पाए गए. इसमें 51 (32 बालक व 19 बालिकाएं), जबकि इंटर में 30 (22 बालक व 8 बालिकाएं) नकल करते हुए पाए गए. यही नहीं, 85 लोगों पर एफआईआर की गई. 3 कक्ष निरीक्षकों, 6 प्रधानाचार्यों या केंद्र व्यवस्थापकों, 4 प्रबंधकों और 14 अन्य के खिलाफ एफआईआर की गई.
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