'CM को कुर्सी बचाने के तरीके पता हैं, अबला की अस्मत बचाने के नहीं' - सतीश पूनिया

पूनिया ने कहा कि सीएम गहलोत के पास गृह विभाग भी है. उन्होंने प्रदेश कि पुलिस को पूरी तरह से निर्बल कर दिया है. अपराधों को रोकने के लिए आज प्रदेश की पुलिस के पास कोई प्लान नहीं है.

अप्रैल 9, 2023 - 16:22
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'CM को कुर्सी बचाने के तरीके पता हैं, अबला की अस्मत बचाने के नहीं' - सतीश पूनिया

बाड़मेर जिले के पचपदरा पुलिस थाना क्षेत्र में एक दलित विवाहिता के साथ रेप और फिर जिंदा जलाकर की गई उसकी हत्या मामले को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है. विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां रविवार को जोधपुर पहुंचे और सर्किट हाउस में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की.

चूंकि सतीश पूनियां उपनेता बनने के बाद पहली बार जोधपुर पहुंचे थे इसलिए यहां पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत भी किया. सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता के दौरान पूनियां गहलोत सरकार पर जमकर बरसे.

सतीश पूनियां ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सीएम अशोक गहलोत को कुर्सी बचाने के तरीके तो आते हैं लेकिन अबला की अस्मत बचाने के तरीके नहीं आते हैं. सीएम अशोक गहलोत के पास गृह विभाग भी है. उन्होंने प्रदेश कि पुलिस को पूरी तरह से निर्बल कर दिया है. पुलिस महकमे को मजबूत करने या उसमें नवाचार करने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.

पूनियां ने कहा कि  राजस्थान के गृह विभाग में पुलिसिंग पर जो बजट खर्च होता है वो महज 3% प्रतिशत है. प्रदेश में लगातार अपराध बढ़ रहे हैं. साइबर क्राइम से लेकर धरातल पर होने वाले अपराधों को रोकने के लिए पुलिस के पास कोई प्लान नहीं है. इस तरह की घटनाओं को रोकने में सरकार बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं आ रही है.

सतीश पूनियां ने कहा कि मुझे पता चला है. तड़के सुबह 3:00 बजे पीड़ित परिवार से सरकार का समझौता हो गया है. साथ ही पीड़िता का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है. इस मामले में ज्यादा नहीं बोलना चाहता हूं लेकिन मैं यहां से पचपदरा पीड़ित परिवार से मिलने जा रहा हूं. पीड़िता को श्रद्धांजलि देकर पीड़ित परिवार से इस दुख की घड़ी में मिलूंगा.

गौरतलब है कि बालोतरा जिले के पचपदरा पुलिस थाना क्षेत्र के छोटे से गांव में दलित विवाहिता के साथ घर में घुसकर जबरन रेप कर उसे जिंदा जलाकर उसको मारने के मामले ने जैसे ही तूल पकड़ना शुरू किया. वैसे ही चुनावी साल को देखते हुए सीएम गहलोत खुद सक्रिय हो गए. कोरोना संक्रिमत होने के बावजूद सीएम ने इस मामले में सक्रियता दिखाई और मामले को मुद्दा बनने से पहले ही पीड़ित परिवार के साथ समझौता करा दिया और पीड़िता का अंतिम संस्कार भी करा दिया.

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