दिल्ली अब दूर नहीं, Delhi-Mumbai Expressway
प्रधानमंत्री मोदी रविवार को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के पहले खंड का उद्घाटन करेंगे। 1,386 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे का पहला खंड 246 किलोमीटर लंबा है। दिल्ली-दौसा-लालसोट के बीच का यह खंड दिल्ली से जयपुर की यात्रा को आसान करेगा।

इस एक्सप्रेस-वे के पूरा होने के बाद दिल्ली से मुंबई तक का सफर का 24 घंटे से घटकर 12 घंटे का हो जाएगा। इसके अलावा एक्सप्रेसवे के बीच पड़ने वालों शहरों की दूरी भी अब आसान हो जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को बहुप्रतीक्षित दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के पहले खंड का उद्घाटन करेंगे। 1,386 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे का पहला खंड 246 किलोमीटर लंबा है। दिल्ली-दौसा-लालसोट के बीच का यह खंड दिल्ली से जयपुर की यात्रा को आसान करेगा। इसके बनने के बाद दिल्ली से जयपुर का पांच घंटे का सफर महज साढ़े तीन घंटे में पूरा हो सकेगा।
आइये इस एक्सप्रेस-वे के बारे में जानते हैं। साथ ही जानते हैं कि इसको बनाने में कितनी लागत आई? इस एक्सप्रेस-वे की क्या खासियत है? आम लोग कब से इसका इस्तेमाल कर सकेंगे? दिल्ली से मुंबई तक का निर्माण कब तक पूरा हो जाएगा?
कितनी लागत में बनेगा यह एक्सप्रेस-वे?
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की आधारशिला नौ मार्च 2019 को रखी गई थी। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड को 12,150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। इस खंड के चालू होने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय 5 घंटे से घटकर लगभग 3.5 घंटे हो जाएगा। इसके अलावा सरकार ने पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास को एक बड़ा बढ़ावा मिलने का भी दावा किया है। पूरी परियोजना की बात करें तो 1,386 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे को 98,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।
इंजीनियरिंग का बेहतरीन उदाहरण:
- इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 12 लाख टन से अधिक स्टील की खपत होगी, जो 50 हावड़ा पुलों के निर्माण के बराबर है
- लगभग 35 करोड़ घन मीटर मिट्टी को स्थानांतरित किया जाएगा जो निर्माण के दौरान चार करोड़ ट्रकों के लादने के बराबर है
- इस परियोजना के लिए 80 लाख टन सीमेंट की खपत होगी जो भारत की वार्षिक सीमेंट उत्पादन क्षमता का लगभग 2 प्रतिशत है
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