दिल्ली में एलजी और AAP सरकार फिर डिस्कॉम को कथित लाभ पहुंचाने के मामले में आमने-सामने
एलजी कार्यालय के एक सूत्र ने कहा कि अगर DERC के निर्देश का पालन किया जाता है, तो इससे सरकार के 300 करोड़ रुपये बचेंगे।
एलजी कार्यालय के सूत्र ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ दिल्ली एलजी विनय कुमार सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में बताया गया कि बिजली विभाग दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) की सब्सिडी पर वैधानिक सलाह का पालन नहीं कर रहा है। सब्सिडी डिस्कॉम को भुगतान किया गया।”
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल में एक बार फिर बहस छिड़ गई है। इस बार मामला डिस्कॉम को कथित तौर पर लाभ पहुंचाने का है। एलजी कार्यालय के एक सूत्र ने शनिवार को आरोप लगाया कि गरीब लोगों के नाम पर निजी डिस्कॉम को लाभ पहुंचाने और अनुचित वित्तीय सहायता प्रदान करने के मामले में रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद AAP सरकार और उसके पदाधिकारी निराधार, झूठे और भ्रामक बयान दे रहे हैं।
सूत्र ने यह भी दावा किया कि तत्कालीन ऊर्जा मंत्री ने एकतरफा रूप से DERC के निर्देशों का पालन नहीं करने का फैसला किया। सूत्र ने कहा कि एलजी द्वारा बार-बार गरीबों को सब्सिडी देने के लिए कहने के बावजूद डिस्कॉम को अतिरिक्त 300 करोड़ रुपये का भुगतान करना जारी रखा गया। तत्कालीन ऊर्जा मंत्री इस निर्णय को लेने के लिए अधिकृत नहीं थे। ऐसा करने के लिए कैबिनेट उपयुक्त प्राधिकारी था। एलजी ने अपने नोट में सीएस से इस उल्लंघन को सीएम के ध्यान में लाने और कैबिनेट को इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए कहा है।”
सूत्र ने कहा, “अगर DERC के निर्देश का पालन किया जाता है, तो इससे सरकार के 300 करोड़ रुपये बचेंगे। एलजी ने अपने किसी भी संचार में आप सरकार को उपभोक्ताओं को सब्सिडी वापस लेने के लिए कहने के अलावा कोई सुझाव भी नहीं दिया है।
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