थप्पड़, लातों और पेट में मारा... केजरीवाल के PA बिभव पर FIR में क्या क्या? स्वाति मालीवाल में शिकायत में बताया
थप्पड़, लातों और पेट में मारा... केजरीवाल के PA बिभव पर FIR में क्या क्या? स्वाति मालीवाल में शिकायत में बताया
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को एक्शन लिया. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पीएम बिभव कुमार के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 509, 323 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. स्वाति मालीवाल ने आज ही पुलिस को अपनी लिखित शिकायत दी थी, जिसमें उन्होंने कहा कि बिभव ने मुझे थप्पड़ मारा और लात भी मारी. उसने मेरी बॉडी पर हमला किया.
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक वो जल्द ही एक्स अस्पताल में मेडिकल करवाने के लिए जाएंगी. बता दें कि 13 मई को दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल सिविल लाइंस स्थित सीएम अरविंद केजरीवाल के घर मिलने के लिए पहुंची थी. वो सीएम हाउस की लॉबी में वेट कर रही थी. तभी सीएम के पीएम बिभव कुमार वहां पहुंच गए. उन्होंने स्वाति पर लात, घूसों से हमला कर दिया. इस दौरान उसने राज्यसभा सांसद के पेट में भी मारा.
पेश मामले में तब स्वाति मालीवाल की तरफ से तुरंत मामले की सूचना दिल्ली पुलिस को दी गई थी. बाद में वो स्वयं भी सिविल लाइंस थाने पहुंची थी. उन्होंने पुलिस को बाद में लिखित शिकायत देने की बात कही थी. आज दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अधिकारी स्वाति मालीवाल के घर पहुंची. करीब पांच घंटे पूछताछ के बाद पुलिस ने उनका लिखित बयान दिया. जिसके आधार पर अरविंद केजरीवाल के पीएम बिभव कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
किस धारा में कितनी सजा?
आईपीसी-354: कानून की इस धारा के तहत कोई भी पुरुष किसी महिला पर हमला करता है या आपराधिक बल का प्रयोग करता है या उसे निर्वस्त्र करने के इरादे से ऐसे कृत्य के लिए उकसाता है तब इस धारा का प्रयोग किया जाता है. इसके तहत तीन से सात साल की जेल का प्रावधान है.
आईपीसी 509: कानून की इस धारा के तहत अपमान करने के इरादे से गलत शब्द का प्रयोग करना या गलत इशारा करने के लिए कार्रवाई की जाती है. इसमें तीन साल तक की सजा का प्रावधान है.
आईपीसी धारा 506: कानून की इस धारा के तहत आपराधिक धमकी देने के लिए कार्रवाई होती है, जिसके तहत दो साल तक की सजा का प्रावधान है.
आईपीसी 323: कानून की इस धारा के तहत मारपीट करने के लिए कार्रवाई की जाती है, जिसके तहत एक साल तक की सजा का प्रावधान है.
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