महावीर स्वामी

अप्रैल 8, 2023 - 05:29
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महावीर स्वामी

जैनों के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी का जन्म आज से ढाई हजार वर्ष पहले (ईसा से 599 वर्ष पूर्व) बिहार में वैशाली के कुंडलपुर के लिच्छवि वंश में हुआ था। हर वर्ष चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महावीर जयंती मनाई जाती हैं, जोकि आज 6अप्रैल सोमवार को है। उनके पिता का नाम सिद्धार्थ और माता का नाम त्रिशला था। भगवान महावीर के जन्म से पूर्व उनकी माता त्रिशला को 16स्वपन दिखे थे। उसमें 4दाँतो वाला हाथी, सफेद वृषभ,एक सिंह, सिंहासन पर विराजमान लक्ष्मी, दो फूलों की मालाएं, पूर्ण चंद्रमा, सूर्य, दो सोने के कलश, समुद्र, सरोवर, मणि जड़ित सोने का सिंहासन आदि उनहोंने सपने में देखें। इन स्वप्नों का अर्थ था कि इनका पुत्र धर्म का प्रवर्तक, सत्य का पुजारी, ज्ञान प्राप्त करने वाला आदि गुणों से युक्त होगा। भगवान महावीर को वीर, वर्धमान, अतिवीर आदि नामों से भी जाना जाता है। उन्होंने अपने जीवन में #तप और #साधना से नए कीर्तिमान गढ़े। भगवान महावीर की #पांच प्रतिज्ञाएं थी- सत्य, अहिंसा, अस्तेय, शुद्धता एवं अपरिग्रह।भगवान महावीर ने 12वर्षों तक कठोर तप किया जिसके बाद उनका नाम #विजेता भी पड़ा। तप के बाद उन्हें #केवलज्ञान प्राप्त हुआ। महावीर के कई अनुयायी हुए जिनमें बिंबिसार, कुनिक, चेटक आदि राजा भी शामिल रहें। महावीर आजीवन जीवन की नित्यता का बखान करते रहे और परंपराओं, मूर्तिपूजा, कर्मकांड आदी का विरोध करते रहे। कालांतर में उनके मतावलंबी इन्ही सब बातों मे लिप्त रह कर महावीर स्वामी के उपदेशों को रसातल में पहुंचा रहे है।

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