महबूबा ने शिवलिंग का जलाभिषेक करना क्या राजनीतिक पहलू हैं
महबूबा ने शिवलिंग पर जल चढ़ाने के सवाल पर कहा- किसी ने मुझे जल से भरा बर्तन थमा दिया। अगर मैं उसे लौटा देती तो गलत होता
PDP चीफ महबूबा मुफ्ती शिवलिंग का जलाभिषेक कर चर्चा में आ गई हैं। वे मंगलवार यानी 14 मार्च को पुंछ के नवग्रह मंदिर पहुंची थीं और वहां शिवलिंग पर जल चढ़ाया। उन्होंने मंदिर में बनी यशपाल शर्मा की मूर्ति पर फूल भी चढ़ाए।
महबूबा ने कहा है कि यह मंदिर पीडीपी के बड़े नेता यशपाल शर्मा ने बनवाया था। उनका बेटा चाहता था कि मैं मंदिर के अंदर जाऊं। जब मैं अंदर गई, तो किसी ने मुझे जल से भरा बर्तन थमा दिया। अगर मैं उसे लौटा देती तो गलत होता इसलिए मैंने वह जल चढ़ा दिया।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP चीफ महबूबा मुफ्ती ने भारत की तुलना पाकिस्तान से की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह पाकिस्तान की पुलिस पूर्व पीएम इमरान खान को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है। उसी तरह से भारत में सरकार विपक्षी नेताओं, मंत्रियों की गिरफ्तारियां करवा रही है। उन पर एजेंसियों की छापेमारी हो रही है|
भाजपा ने महबूबा के मंदिर जाने को ड्रामा बताया है। पार्टी ने कहा कि कभी महबूबा ने अमरनाथ धाम के लिए जमीन देने से इनकार कर दिया था। इससे पहले महबूबा 2017 में गांदरबल के खीर भवानी मंदिर में भी जा चुकी हैं। तब वे जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री थीं।
देवबंद के मौलाना असद कासमी ने महबूबा के मंदिर जाने और वहां शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विरोध किया है। कासमी ने कहा- महबूबा ने जो किया, वह गलत है। यह इस्लाम के खिलाफ है।
जम्मू-कश्मीर के भाजपा प्रवक्ता रनबीर सिंह पठानिया ने कहा कि 2008 में महबूबा और उनकी पार्टी ने अमरनाथ धाम के लिए जमीन के अलॉटमेंट का विरोध किया था। श्रद्धालुओं के लिए इस जमीन पर निवास स्थान बनाए जाने थे। अब उनका मंदिर जाना केवल एक ड्रामा है। इससे उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा। अगर राजनीतिक ड्रामों से कुछ हासिल होता तो जम्मू-कश्मीर आज समृद्धि का बाग बन गया होता।
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