खबर उत्तरी कोरिया से
नॉर्थ कोरिया ऑन फ़ायर....
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उत्तर कोरिया की विदेश मंत्री शो सोन हुई ने कहा है कि अमेरिका और पश्चिम को उनके देश के परमाणु शक्ति संपन्न देश होने के मामले में कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है. उनका देश एक परमाणु शक्ति है और रहेगा. हुई यह भी बोली हैं कि जी7 कुछ घमंडी देशों का एक समूह है, जो न्यायपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, बल्कि अमेरिकी वर्चस्व को बनाये रखने का एक राजनीतिक औज़ार भर है.
उत्तर कोरिया लंबे समय से अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम पर काम कर रहा है. किसी भी अन्य देश की तरह उसे भी अपनी पसंद का हथियार बनाने, ख़रीदने और रखने का अधिकार होना चाहिए. यह भी ध्यान रहे कि अमेरिका ने नाटो देशों में परमाणु हथियारों की तैनाती की है और अमेरिका से बाहर उसके युद्धपोतों और सैनिक ठिकानों पर भी हथियार हैं.
ओबामा जब राष्ट्रपति थे, तब उनसे एक प्रेस वार्ता में कई बार पूछा गया कि मिडिल-ईस्ट (वेस्ट एशिया) में वह कौन सा देश है, जिसके पास परमाणु हथियार है. ओबामा गोल गोल घुमाने लगे, जबकि यह सभी को पता है कि इज़रायल के पास परमाणु हथियार हैं, भले वह इसे सार्वजनिक रूप से न माने या न इनकार करे. सब कुछ ठीक रहा, तो ईरान भी जल्दी ही परमाणु शक्ति अर्जित कर लेगा. यह सब शक्ति के संतुलन के लिए आवश्यक है.
मज़े की बात है कि इज़रायल और साउथ सूडान के साथ भारत और पाकिस्तान भी परमाणु अप्रसार संधि में शामिल नहीं हैं. भारत और पाकिस्तान ने अपने को परमाणु शक्ति घोषित कर दिया है. इज़रायल इस पर गूँगी साधे रहता है और साउथ सूडान के पास परमाणु बम क्या, ढंग का बारूदी गोला भी नहीं है. जापान और दक्षिण कोरिया अमेरिका की छत्रछाया में हैं, इसलिए उत्तर कोरिया को अपनी रक्षा के लिए बराबर की तैयारी रखनी पड़ रही है.
(फोटो साभार विकिपीडिया)
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