इजरायल में फिर सड़कों पर उतरे हजारों लोग
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला अभी भी जारी है, शनिवार को फिर से देश की राजधानी की सड़कों पर हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए.
इजराइल में फिर से प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और शनिवार देर रात उन्होंने राजधानी तेल अवीव में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने जिन झंडों को विरोध प्रदर्शन के दौरान लहराया है उन पर लोकतंत्र को बचाने वाले नारे लिखे हुए हैं. पूरे देश में पिछले 15 हफ्तों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है.
27 मार्च को देश के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संसद में कानूनी बदलावों पर होने वाली चर्चा पर रोक लगा दी थी जिसके बाद फिर से यह विरोध सुलग उठा है. प्रदर्शनकारियों ने ‘चलो डेमोक्रेसी बचाएं’ स्लोगन लिखे झंडों को दिखाया और प्रदर्शन किया है. वहीं एएफपी के जर्नलिस्ट ने प्रदर्शनों के दौरान स्मोक बम और फ्लेयर्स की दागी जाने की खबरें भी दी हैं.
तेल अवीव में बल्कि इस प्रदर्शन की आग हाईफा तक भी पहुंची. वहीं मोदिइन में होम ऑफ जस्टिस मिनिस्टर यारिव लेविन के घर पर भी प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और झंडे दिखाए. बताया जा रहा है कि शनिवार को भी सड़कों पर हजारों प्रदर्शनकारियों ने विरोध जताया. इससे पहले भी कई बार इस तरह के प्रदर्शन सरकार के खिलाफ किए जा चुके हैं.
एक 61 वर्षीय प्रदर्शनाकरी ने नादव तामिर ने एएफपी को बताया कि वह अपनी डेमोक्रेसी के लिए लड़ रहे हैं क्योंकि उनके पास कोई और दूसरा देश नहीं है. वहीं तेल अवीव के रहने वाले 45 वर्षीय केरन बेरोन जो कि पेशे से एक मनोचिकित्सक हैं, ने कहा वह प्रदर्शन में शामिल नहीं होना चाहते थे लेकिन उनकी बहन ने उनसे कहा कि उन सभी के पास कोई और रास्त नहीं है.
उन्होंने कहा यह सच भी है, उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है और उन्हें अपने देश को बचाना ही होगा. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पार्लियामेंट में जो प्रस्ताव चल रहा है उसमें देश के सुप्रीम कोर्ट की ताकतें कम की जा रही हैं और सुप्रीम कोर्ट के जजों को चुनने का अधिकार राजनेताओं के पास आ जाएगा.
वहीं नेतन्याहू की सरकार संसद में इस पर बहस कर रही है कि न्यायपालिका और संसद के अधिकारों के बीच सामजस्य लाने के लिए यह बदलाव बहुत जरूरी है.
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