इजरायल ने भारत के समर्थन का किया शुक्रिया
इजरायल और हमास के बीच 7 अक्टूबर से युद्ध चल रहा है। इस युद्ध में भारत की तरफ से इजरायल को समर्थन मिला है। भारत के समर्थन की इजरायल ने सराहना की है। इसके अलावा इजरायल ने कहा है कि वह चाहता था कि भारत यूएन में आए प्रस्ताव के विरोध में मतदान करे।
इजरायल और हमास के बीच भीषण युद्ध जारी है। इजरायली सेना और उसकी बख्तरबंध गाड़ियां गाजा पट्टी के अंदरूनी हिस्सों में घुसी। इस बीच इजरायल सरकार के प्रवक्ता इलोन लेवी ने कहा है कि आने वाले दिन और भी कठिन होने वाले हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इजरायल पूरी तरह हमास को खत्म कर देगा। इजरायल हमास से युद्ध लड़ रहा है न कि फिलिस्तीनियों और गाजा के खिलाफ।
एलोन ने इंटरव्यू में कहा, 'आने वाले दिन लंबे और कठिन होने वाले हैं। क्योंकि ऐसा संघर्ष का दूसरा दौर नहीं होगा। यह पहले की तरह नहीं है कि हमास रॉकेट दागेगा और इजरायल हवाई हमले करेगा और फिर कुछ दिनों बाद सब शांत हो जाएगा। हमास ने हमारे खिलाफ युद्ध की घोषणा की है। अमेरिका के 9/11 हमलों के बाद यह इतिहास में सबसे भयानक आतंकी हमला है। इसलिए हम गाजा पट्टी में हमास के आतंकियों को पूरी तरह से खत्म करने जा रहे हैं। इस युद्ध में हमारा लक्ष्य पूरी तरह से जीत है।'
इजरायल आगे क्या करेगा या IDF का अगला प्लान क्या है, इसे लेकर किसी भी तरह की अटकलें उन्होंने नहीं लगाई। लेकिन एलोन ने जोर देकर कहा कि इजरायल आम लोगों को कम से कम नुकसान पहुंचाते हुए हमास के हर एक बुनियादी ढांचे को खत्म करेगा। उन्होंने कहा, 'हमास की हर एक सुरंग, हर रॉकेट लॉन्चर, सभी कमांडर और हर एक आतंकी हमारा टार्गेट हैं। हम फिलिस्तीनी नागरिकों के हताहतों को कम करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।'
इस युद्ध के दौरान भारत से मिले समर्थन की एलोन ने सराहना की और कहा कि वह मित्रों और सहयोगियों से ज्यादा से ज्यादा राजनयिक समर्थन चाहता है। उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल चाहता था कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव में भारत इसके खिलाफ वोट करे। दरअसल संयुक्त राष्ट्र महासभा में जॉर्डन की ओर से एक प्रस्ताव लाया गया था। इसके मुताबिक इजरायल और हमास के बीच मानवीय आधार पर तुरंत संघर्ष विराम होना चाहिए। हालांकि इस प्रस्ताव पर भारत ने मतदान से परहेज किया।
उन्होंने कहा कि हम भारत के समर्थन की सराहना करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और इजरायली पीएम नेतन्याहू ने बात की है। हम शुक्रवार को यूएन में आए प्रस्ताव पर चाहते थे कि भारत विरोध में मतदान करे। यह एक अपमानजनक संकल्प था। इसमें हमास का जिक्र नहीं था। इसमें बंधकों की रिहाई का कोई जिक्र नहीं था। जिन्होंने समर्थन किया हम उनकी सराहना करते हैं कि वह इजरायल के पक्ष में खड़े हुए। हम भारत समेत सभी मित्र देशों से हमास पर दबाव बनाने का आह्वान करते हैं, ताकि बंधकों को छुड़ाया जा सके।
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