पेंशन
आज ही के दिन 1 अप्रैल 2005 को इस देश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम से वंचित किया गया था,
इससे बड़ा मखौल संविधान द्वारा प्रदत्त समानता के अधिकार का क्या होगा कि लोग जो पांच साल के लिए चुन कर जाते हैं वो जीवन भर पुरानी पेंशन का लाभ लेंगे और जो अपने जीवन के सालोसाल खुद को काम में खपाएंगे उनसे उनकी उम्र के आखिरी पड़ाव का सहारा छीन लिया गया,
सच कहूं तो गुस्सा अपने उन बुजुर्गों से भी है जो जब ये हो रहा था तब चुप रह गए और आज की पीढ़ी जब उसके लिए संघर्ष कर रही है तो उसे हतोत्साहित करने की बात करते हैं,
जबकि खुद पुरानी पेंशन का लाभ ले रहें हैं खैर, 2015 से चल रहे आन्दोलन ने अपना एक अहम पड़ाव पार करते हुये देश के पांच राज्यो में न्यू पेंशन स्कीम को हटाकर में पुरानी पेंशन बहाल करा ली है,
उम्मीद है धीरे धीरे बाकी राज्यों में भी इसे वापस पा लिया जायेगा
हारा वही है , जो लड़ा नहीं
हम लड़ेंगे और और जीतेंगे भी!
ops
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?