स्वास्थ्य सेवाएं
अभी कुछ ही दिन पहले उत्तर प्रदेश में मेडिकल कर्मी /एंबुलेंस मालिक हड़ताल पर थे,
मैने खुद जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर कई बार उनका प्रदर्शन देखा, पर तब मीडिया में कहीं कोई हलचल नहीं दिखी जबकि वो कोविड के टाईम का अपना बकाया योगी सरकार से मांग रहे थे,
राजस्थान के डाक्टरों / लोगों से बात करने के बाद समझ आया कि उनका विरोध पूरी तरह गलत भी नहीं है,
वहां के तमाम अस्पतालों का पिछली चिकित्सा योजनाओ का बकाया भुगतान राज्य सरकार द्वारा लंबित है, जिसकी वज़ह से निजी अस्पताल मालिक वहां नौकरी कर रहे मेडिकल स्टाफ की सैलरीज काट कर भरपाई कर रहें हैं, जो कि उचित नहीं,
अशोक गहलोत को आगे आकर आन्दोलनकारी डॉक्टर्स से बात करनी चाहिये, समाधान संवाद से होता है, विवाद से नहीं
आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि गहलोत सरकार की हेल्थ कार्ड द्वारा सरकारी कर्मचारियों को पांच लाख तक के मुफ्त इलाज योजना को उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लागू कर दिया है,
तो दिक्कत योजनाओं में नहीं उसके सही तरीके से क्रियान्वयन में है
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?