कविता
                                शहर के मरुस्थल का
कस्तूरी मृग
मैं-
बसन्त में बाजार आया मैं।।
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                                शहर के मरुस्थल का
कस्तूरी मृग
मैं-
बसन्त में बाजार आया मैं।।