कविता
प्रवृत्ति-सत्य से सच मैं
गलतियाँ करने से डरता,
मैं भटक जाने से भयभीत।
यन्त्र-बद्ध गतियों का
ग्रह-पथ त्यागने में
असमर्थ अयास,
अबोध निरा सच मैं।
~ मुक्तिबोध एक कविता में
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
प्रवृत्ति-सत्य से सच मैं
गलतियाँ करने से डरता,
मैं भटक जाने से भयभीत।
यन्त्र-बद्ध गतियों का
ग्रह-पथ त्यागने में
असमर्थ अयास,
अबोध निरा सच मैं।
~ मुक्तिबोध एक कविता में