सऊदी अरब -ईरान और अमेरिका
सऊदी अरब और ईरान के बीच रिश्ते बेहतर होने से अमेरिका के पेट में दर्द होने लगा है. यह दर्द होना स्वाभाविक ही है, पर यह सब उनको कुछ ज़्यादा ही दुख दे रहा है कि क्योंकि ऐसा अमेरिका के 'दुश्मनों' की सरपरस्ती में हो रहा है. इस दुनिया में कुछ भी अच्छा होते हुए देखना और ख़ुश होना अमेरिका की मानसिकता में ही नहीं है. वॉल स्ट्रीट जर्नल तो यही बता रहा है. सात साल के अंतराल के बाद दो पड़ोसी देशों के शीर्ष डिप्लोमैट मिलें, इस पर ख़ुश होना चाहिए.
ख़ैर, कल सऊदी अरब और ईरान के विदेश मंत्रियों में एक दिलचस्प बतकही हुई. ईरान के विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन तेहरान और बीजिंग के बीच हवाई यात्रा में लगने वाले समय की शिकायत कर रहे थे. इस पर सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फ़ैसल ने कहा कि तेहरान और रियाद की उड़ान बस दो घंटे की है, आइये.
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट: https://www.wsj.com/articles/saudi-iranian-foreign-ministers-meet-in-beijing-to-discuss-ties-69fb9aef
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