तालिबान में फिर सिर फुटौवल, हक्कानी और कंधारी गुट भिड़े

तालिबान में सत्ता को लेकर आपस में ही जंग शुरू हो गई है। सिराजुद्दीन हक्कानी ने कंधारी धड़े के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हक्कानी सरगना खुद को तालिबान सरकार में प्रधानमंत्री भी बनते हुए देखना चाहता है।

जुलाई 6, 2023 - 23:13
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तालिबान में फिर सिर फुटौवल, हक्कानी और कंधारी गुट भिड़े

अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज तालिबान में जमकर खींचतान मची हुई है। हक्कानी और कंधारी गुट एक दूसरे को फूटी आंख भी नहीं देखना चाहते हैं। हक्कानी गुट का नेतृत्व तालिबान सरकार में गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी कर रहा है, जबकि कंधारी गुट की कमान मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद युसूफ के हाथ में है। तालिबान के इस आंतरिक सत्ता संघर्ष से अफगानिस्तान के और ज्यादा अस्थिर होने का खतरा पैदा हो गया है। अफगान नागरिक तालिबान के कब्जे के बाद से ही मुफलिसी की जिंदगी जी रहे हैं। अफगानिस्तान में न तो दवाइयां हैं और ना ही पर्याप्त अनाज। स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार का बुरा हाल है। तालिबान शासन महिलाओं के खिलाफ लगातार प्रतिबंधों का ऐलान कर रहा है।

सिराजुद्दीन हक्कानी के नेतृत्व वाला हक्कानी-गुट अमीर खान मुत्ताकी को हटाना चाहता है। मुत्ताकी तालिबान सरकार में कार्यवाहक विदेश मंत्री हैं। हक्कानी गुट चाहता है कि तालिबान नियंत्रित सरकार के वरिष्ठ अधिकारी जलालुद्दीन हक्कानी के बेटे अनस हक्कानी को नया विदेश मंत्री चुना जाए। हालांकि, कंधारी गुट शुरू से ही हक्कानी को तालिबान के लिए खतरे के तौर में देखता है। यही कारण है कि कंधारी गुट अनस हक्कानी को नया विदेश मंत्री नियुक्त करने में झिझक रहा है। हालांकि, हक्कानी समूह को लगता है कि अनस की बाकी नेताओं की अपेक्षा कम उम्र और विभिन्न विभागों में मजबूत रिश्ते उन्हें विदेश मंत्री पद के लिए एक मजबूत दावेदार बनाते हैं।

तालिबान के भीतर हक्कानी समूह के नेता सिराजुद्दीन हक्कानी उर्फ खलीफा साहब खुद भी बहुत सारी महत्वकांक्षाएं पाले बैठा है। सिराजुद्दीन की नजर प्रधानमंत्री या उपप्रधानमंत्री की भूमिका पर टिकी हैं लेकिन वह पहले अपने आंतरिक मंत्रालय पर फोकस कर रहा है। सिराजुद्दीन को सबसे बड़ी चुनौती कंधार में बैठे तालिबान नेताओं से मिल रही है। 

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