खर्राटों के कारण 20% कपल साथ नहीं सोते
खर्राटों के कारण 20% कपल साथ नहीं सोते
पति-पत्नी और कपल्स का एक ही घर में रहकर भी अलग-अलग सोना सामान्य होता जा रहा है। अमेरिका में 20% जोड़े अलग बेडरूम में रात गुजारते हैं। 31% कपल्स ने बताया कि अलग सोने से उनके संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा है। 21% ने तो कहा कि इससे उनके रिश्ते बेहतर हुए हैं। इंटरनेशनल हाउसवेयर्स एसोसिएशन की ओर से जनवरी में 2200 अमेरिकियों पर किए गए सर्वे में यह जानकारी सामने आई है।
अब घरों को अलग सोने के हिसाब से डिजाइन कराने वाले जोड़ों की संख्या बढ़ी है। इंटीरियर डिजाइनरों का कहना है कि कपल्स चाहते हैं कि दोनों कमरों की डेकोरेशन एक जैसी हो। ऐसे कपल्स अलग कमरे में सोने को अच्छा मानते हैं। वे अपनी नींद साथी के खर्राटों की आवाज में खराब नहीं करना चाहते हैं।
20% लोगों ने कहा वे अपने लिए अलग जगह चाहते हैं इसलिए अलग सोते हैं। 22% लोगों ने बताया कि उन्होंने पिछले साल ही दूसरे कमरे में सोना शुरू किया है। इससे लगता है कि यह चलन अब बढ़ रहा है। वहीं, कुछ बुजुर्ग अपने परिवार के किसी कपल के अलग सोने को उचित नहीं मानते हैं।
कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि एक साथ सोने से कपल्स के रिश्ते अच्छे होते हैं। मनोवैज्ञानिक डॉ. फ्रेजर कहती हैं कि लोग प्रेम करने और जिंदगी साथ में गुजारने के लिए शादी करते हैं। इसलिए एक साथ सोने से संंबंध गहरे होते हैं।
हाउसवेयर्स एसोसिएशन के सर्वे में 46% लोगों का कहना है कि पार्टनर के जमकर खर्राटे लेने या बहुत अधिक करवट बदलने से तंग आकर उन्होंने अलग कमरे में रात गुजारने का निर्णय लिया है। अन्य कारण सोने का अलग समय या किसी काम में व्यस्त रहना भी है।
वहीं, एक्सपर्ट्स और मैरिज एडवाइजर इस व्यवस्था से असहमत हैं। नेवादा लास वेगास यूनिवर्सिटी में फेमिली थैरेपी प्रोग्राम की प्रोफेसर केथरीन हर्टलीन कहती हैं, अलग सोने के फैसले के पीछे कुछ और कारण हो सकते हैं। क्या पार्टनर के बार-बार करवट बदलने से दिक्कत है? या घर की गंभीर समस्याओं पर चर्चा करने से बचने का बहाना है? या टकराव के बिना एक-दूसरे से बचने का तरीका है?
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