Sick Leave लेकर मना रहा था छुट्टी, रंगे हाथ पकड़ा गया तो गई नौकरी, कंपनी पर लगा 73 लाख का जुर्माना
अगर आप किसी टूरिस्ट प्लेस पर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे पहले कंपनी से अपनी छुट्टी अप्रूव करा लें. नहीं तो आपके आगे चलकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
अगर आपने कहीं घूमने के लिए पूरी तैयारी कर ली है और कंपनी आपको छुट्टी नहीं दे रही है तो ऐसे में अगर आप सिक लीव के नाम पर छुट्टी मनाने जाते हैं तो आपको इस तरह की छुट्टी लेना भारी पड़ सकता है. यहां तक कि आपकी नौकरी भी खतरे में पड़ सकती है. इसलिए अगर आप किसी टूरिस्ट प्लेस पर घूमने का प्लान बना रहे हैं और घूमने जाने के लिए टिकट बुक करवाने जा रहे हैं तो सबसे पहले कंपनी से अपनी छुट्टी अप्रूव करा लें. नहीं तो आपके आगे चलकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
ऐसा ही एक मामाला सामने आया है जिसमें एक कर्मचारी सिक लीव लेकर विदेश में छुट्टियां मना रहा था. जब वह छुट्टियां मनाकर घर वापस लौट रहा था तभी उसके स्टाफ में से किसी एक व्यक्ति ने उसको एयरपोर्ट पर देख लिया और उसने कंपनी कहा कि वह सिक लीव के नाम पर विदेश घूमकर आ रहा है. वह बीमार नहीं है. उसने झूठ बोलकर ऑफिस से छुट्टी ली है.
ये जानकारी पाते ही कंपनी ने उसको तुरंत नौकरी से बाहर कर दिया, लेकिन कर्मचारी को नौकरी से निकालना कंपनी को ही भारी पड़ गया और कंपनी पर 73 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया. जो कि क्रमचारी को मुआवजे के रूप में देने पड़े. अब आप सोच में पड़ गए होंगे कि आखिर ये मामला कहां का है. तो बता दें कि ये मामला चीन की राजधानी बीजिंग की एक टेक कंपनी का है.
रिपोर्ट के अनुसार, विवाद की शुरुआत जुलाई 2019 में हुई जब जू ने दो हफ्ते के पेड लीव के लिए आवेदन किया लेकिन काम के दबाव के कारण उनके मैनेजर ने उसकी छुट्टी कैसिंल कर दी थी. जू ने अपने प्रबंधक को बताया कि उसने अपने बच्चे के साथ चीन के दक्षिणी द्वीप हैनान की यात्रा के लिए पहले ही टिकट खरीद लिए थे, लेकिन फिर भी उसे छुट्टी नहीं दी गई. दिलचस्प बात यह है कि जू कोई नया जॉइनर नहीं था और 1998 से कंपनी के साथ काम कर रहा था.
इसके बाद जू ने 14 दिनों के बीमार अवकाश के लिए आवेदन किया. उन्होंने एक चिकित्सा प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जिसमें कहा गया था कि वह “चक्कर आना और सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस” से पीड़ित थे, जिससे उनके लिए चलना मुश्किल हो गया था. मेडिकल सर्टिफिकेट के मुताबिक एक डॉक्टर ने बेड रेस्ट और नेक एक्सरसाइज की सलाह दी थी. इस बार बीमार छुट्टी को मंजूरी दी गई थी. लेकिन, जब जू अपने बेटे के साथ हैनान हवाई अड्डे पर था, तो उसे एक सहयोगी ने देखा जिसने उसके मैनेजर को सतर्क कर दिया. जू को कंपनी से इस आधार पर निकाल दिया गया था.
हालांकि, जू ने यह दावा करते हुए विरोध किया कि वह मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि स्वस्थ होने के लिए यात्रा कर रहे थे. उन्होंने बीजिंग चाओयांग आर्बिट्रेशन कमीशन द्वारा मध्यस्थता के लिए भी आवेदन किया, जिसने उनके पक्ष में फैसला सुनाया और टेक कंपनी को जू को अवैध रूप से उनकी नौकरी समाप्त करने के लिए 73 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया.
बीजिंग के थर्ड इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट ने पाया कि जू ने अपनी कंपनी से झूठ बोला था और उसके पास अपनी चिकित्सा स्थिति को देखते हुए यात्रा करने का कोई कारण नहीं था. इसलिए अदालत ने बर्खास्तगी को बरकरार रखा और कंपनी को जू को मुआवजा नहीं देने का आदेश दिया. क्योंकि जू मौमौ नाम के व्यक्ति ने बीजिंग के थर्ड इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट में कंपनी की कार्रवाई का विरोध किया, लेकिन इसे अप्रैल 2023 के मध्य में खारिज कर दिया गया. और जू को 620,000 युआन (करीब 73 लाख रुपए) का मुआवजा भी गंवाना पड़ा, जो उन्हें पहले दिया गया था.
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