कबीर को दोहराते रहने की जरूरत
धीरे धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय |
माली सीचे सों घड़ा, ऋतू आये फल होय ।
कबीर...
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
धीरे धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय |
माली सीचे सों घड़ा, ऋतू आये फल होय ।
कबीर...