सेम सेक्स मैरिज में कल आ सकता है फैसला:स्पेशल मैरिज एक्ट में रजिस्ट्रेशन की मांग
भुवनेश्वर में 2022 में मास्टर कैंटीन चौराहे से राम मंदिर चौक तक प्राइड परेड निकाली गई थी, तब LGBTQ समुदाय के सैकड़ों लोगों ने इसमें हिस्सा लिया था।
सेम सेक्स मैरिज में हुई लंबी सुनवाई के बाद मंगलवार (17 अक्टूबर) को सुबह साढ़े दस बजे सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। सेम सेक्स मैरिज का समर्थन कर रहे याचिकाकर्ताओं ने इसे स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड करने की मांग की है। वहीं केंद्र सरकार ने इसे भारतीय समाज के खिलाफ बताया है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पिटीशंस में याचिकाकर्ताओं का कहना है कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने समलैंगिकता को अपराध मानने वाली IPC की धारा 377 के एक पार्ट को रद्द कर दिया था। इस फैसले के बाद दो एडल्ट आपसी सहमति से समलैंगिक संबंध बनाते हैं तो यह अपराध नहीं है। ऐसे में समलैंगिक विवाह को मंजूरी मिलनी चाहिए।
इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ कर रही थी। पीठ ने दस दिन चली सुनवाई के बाद 11 मई को मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली संविधान पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, एस रवींद्र भट, हेमा कोहली और पीएस नरसिम्हा शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट में सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देने की 20 याचिकाओं पर सात दिन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र समस्याओं का हल तलाशने के लिए एक कमेटी बनाने को तैयार है।
मेहता ने कहा था कि यह कमेटी इन कपल की शादी को कानूनी मान्यता देने के मुद्दे में नहीं दाखिल होगी। समस्याओं को लेकर याचिकाकर्ता यानी सेम सेक्स कपल अपने सुझाव दे सकते हैं। वो हमें बताएं कि क्या कदम उठाए जा सकते हैं। सरकार इस पर सकारात्मक है। हां, ये बात जरूर है कि इस मामले में एक नहीं, बल्कि ज्यादा मंत्रालयों के बीच तालमेल की जरूरत है।
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