पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम राहत, असम और यूपी पुलिस को नोटिस
पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम राहत, असम और यूपी पुलिस को नोटिस
पीएम मोदी के पिता पर विवादित टिप्पणी के मामले में गिरफ्तारी के बाद अंतरिम जमानत मंजूर करने के साथ ही यूपी और असम राज्यों को भी नोटिस जारी किया। खेड़ा खिलाफ दर्ज एफआईआर को समेकित करने की बात की गई। मामले में सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की खंडपीठ ने खेड़ा के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के बयान को दर्ज किया। जिसमें उन्होंने कहा कि खेड़ा अपने बयान पर बिना शर्त माफी मांगेंगे।
जमानत याचिका में पवन खेड़ा के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत को बताया कि खेड़ा ने अपने बयान के बाद ट्वीटर स्पष्टीकरण दिया था। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी के बारे में बयान के संबंध में एक वास्तविक गलती की है। सिंघवी ने खेड़ा पर कार्रवाई को लेकर पुलिस पर आरोप लगाया कि मामले में गिरफ्तारी से पहले सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। इसके साथ मामले जिन धाराओं के तहत कार्रवाई की गई उस पर खेड़ा के अधिवक्ता ने सवाल उठाए। उन्होंने अदालत में कहा कि अगर एक राजनीतिक बयान को लेकर 153ए, 153बी और 295ए का इस्तेमाल किया जाता है तो ये गलत है। मामले में खेड़ा के खिलाफ कई जगहों पर दर्ज हुए एफआईआर पर भी अधिवक्ता मनु सिंघवी ने चिंत व्यक्त की। उन्होंने अदालत में सभी प्राथमिकी को समेकित कर एक साथ सुनवाई की अपील की।
दरअसल, बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा दिल्ली हवाईअड्डे से पूर्वाह्न 11 बजे उड़ान भरने वाले थे, लेकिन उन्हें विमान से उतार दिया गया। खेड़ा को उनके खिलाफ असम में भादवि की धारा 153ए, 153बी, 295, 505 के तहत मामला दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया। इसी विवादित टिप्पणी के मामले में कांग्रेस नेता के खिलाफ असम के अलावा लखनऊ और वाराणसी में शिकायतें दर्ज की गई हैं।
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