शेर(वक़्त का काफ़िला)
वक़्त का क़ाफ़िला आता है गुज़र जाता है
आदमी अपनी ही मंज़िल में ठहर जाता है
नुशूर वाहिदी
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वक़्त का क़ाफ़िला आता है गुज़र जाता है
आदमी अपनी ही मंज़िल में ठहर जाता है
नुशूर वाहिदी