कॉलेज के वॉशरुम में हिडन कैमरा लगा लड़कियों का अश्लील वीडियो बनाती थी छात्राएं
कर्नाटक के उडुपी के एक प्राइवेट पैरामेडिकल कॉलेज की छात्राओं के वॉशरूम में वीडियो बनाने की खबर सोशल मीडिया पर आग की तरफ फैल गई। एक प्राइवेट पैरामेडिकल कॉलेज में तीन लड़कियों को सस्पेंड कर दिया गया है। सस्पेंड हुई तीनों लड़कियां मुस्लिम हैं।
कर्नाटक के उडुपी से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। उडुपी में वॉशरूम में हिडन कैमरा लगाकर सैंकड़ों लड़कियों की आपत्तिजनक तस्वीरें बनाने और सोशल मीडिया पर शेयर का मामला सुर्खियों में छाया हुआ है। घटना बुधवार 19 जुलाई को उडुपी के अंबलपाडी में बने एक प्राइवेट पैरामेडिकल कॉलेज में हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक तीनों लड़कियों ने बाथरूम के अंदर मोबाइल कैमरा फिट किया था। इन पर आरोप है कि वॉशरूम में छिपकर बाकी लड़कियों के वीडियो बनाकर उन्हें वायरल किया है।
हालांकि मामला बढ़ता देख कॉलेज प्रशासन ने तीनों लड़कियों को सस्पेंड कर दिया है। पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है। अब इस घटना को कर्नाटक से लेकर दिल्ली तक राजनीति गर्मा गई है। मामले को सांप्रदायिक रंग भी दे दिया गया है।
तीनों लड़कियों ने बाथरूम के अंदर मोबाइल कैमरा फिट किया था। इस मामलों में जिन तीन लड़कियों को सस्पेंड किया है वे मुस्लिम है। अलीमातुल शैफ़ा, शबानाज और आलिया पर आरोप है कि इन तीनों ने अपने साथ पढ़ने वाली एक लड़की का नहाते हुए वीडियो बनाया। साथ ही उसे कम्युनिटी वॉट्सऐप के जरिए अपने दोस्तों को भेजा।
अब सोशल मीडिया पर लोगों ने घटना को जिहादी साजिश से जोड़ रहे है। लोगों ने ट्वीट करते हुए लिखना शुरू कर दिया कि ये आरोपी लड़कियां हिंदू लड़कियों के वीडियो बनाकर उन्हें मुस्लिम लड़कों के बीच वायरल कर रही हैं। वहीं कुछ यूजर्स ने घटना की तुलना केरला स्टोरी फिल्म से भी की है।
हालांकि प्रबंधन बोर्ड ने हस्तक्षेप किया और आरोपी छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी और उन्हें निलंबित कर दिया। मामला सार्वजनिक हो जाने के बाद अब हिंदू संगठन संस्थान पहुंचे और प्रशासन से इस भयानक आचरण पर कड़ी प्रतिक्रिया देने का आग्रह किया। बता दें कि उडुपी वो जगह हैं जहां से हिजाब विवाद शुरू हुआ था। तब बड़े पैमाने पर यहां प्रदर्शन किए गए थे।
जिला पुलिस अधीक्षक अक्षय मच्छिन्द्र ने बताया कि लोग इसे दूसरी जगहों पर हुए मामलों से जोड़ रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने सोशल मीडिया हैंडल्स से स्पष्टीकरण दे दिया है। बिना वेरिफाई किए जानकारी को सोशल मीडिया पर शेयर कर भ्रम पैदा की जा रही है। पुलिस का कहना है कि उनको किसी वीडियो को सर्कुलेट किए जाने की कोई जानकारी नहीं मिली है। मामले की जांच की जा रही है।
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?