धूम्रपान

अप्रैल 25, 2023 - 00:54
अप्रैल 25, 2023 - 10:52
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धूम्रपान
काल्पनिक चित्र

सिगरेट-बीड़ी-सिगार के धुएँ का बुरा असर आम लोग केवल फेफड़े या हृदय तक ही समझते हैं। उन्हें यह बात भीतर बैठाने में मुश्किल होती है कि धूमपान से हड्डियाँ कमज़ोर होती हैं और फ़्रैक्चर का ख़तरा भी बढ़ जाता है। हड्डियों पर धुआँ एक नहीं , बल्कि कई ढंग से बुरे असर डालता है।

 कुमारावस्था ( टीन-एज ) और फिर युवावस्था में हड्डियाँ बढ़ती और मज़बूत होती हैं। यही वह समय है जब हड्डियों का घनत्व बढ़ता है और वे अपने चरम अस्थि-द्रव्यमान ( पीक बोन मास ) को पा लेती हैं। बच्चों से हम खेलने-कूदने को कहते हैं। किशोरों-तरुणों को हम बताते हैं कि शारीरिक श्रम करो और खेलकूद व व्यायाम से अपनी हड्डियाँ मज़बूत करो।

यह अवसर फिर आगे नहीं आएगा। बचपन और जवानी की कसरत वाली बात अधेड़ उम्र और बुढ़ापे में नहीं। बचपन से लेकर जवानी तक का समय हड्डियों को सबसे अधिक घना और मज़बूत करने का समय है। अभी खेल लो , कसरत कर लो। इससे हड्डियाँ जितनी अधिक मज़बूत हो जाएँगी , बुढ़ापे तक साथ निभाएँगी।

 अब इस घटना-क्रम में धूमपान किसी खलनायक-सा घुस आता है। हम बच्चों से , किशोरों से और युवाओं से हड्डियाँ मज़बूत करने को कह रहे हैं। इसके विपरीत वे झूठे दिखावे के भ्रम में पड़कर सिगरेट और बीड़ी फूँक रहे हैं। इसकी हानि केवल फेफड़ों-भर तक नहीं है। इसका नुकसान केवल हृदय-रोगों के रूप में ही नहीं हो रहा।

 इससे उनकी हड्डियाँ भी उतनी घनी और मज़बूत न हो सकेंगी , जितनी वे हो जातीं। व्यायाम अगर हड्डियों के लिए अर्श है , तो धुआँ फ़र्श। एक हड्डियों को मज़बूत करता है , दूसरा उन्हें भंगुर। एक के कारण वे टूटने से बचती हैं , दूसरा उनके फ़्रैक्चर में योगदान देता है। और ऐसा होने के पीछे कारण कई हैं। पहला तो यह कि धुआँ फ़्री रेडिकलों की जिस्म के भीतर पैदावार बढ़ाता है , जो हड्डियों पर तरह-तरह से बुरे असर लाते हैं। फिर धुएँ के कारण हड्डियों का निर्माण करने वाली कोशिकाएँ ऑस्टियोब्लास्ट मर जाती हैं। साथ ही धूमपान के कारण ऐसे हॉर्मोन और रसायन शरीर में बढ़ जाते हैं , जो हड्डियों की भंगुरता में अपना योगदान देते हैं।

नतीजन एक धूमपान करने वाले व्यक्ति में हड्डी टूटने का ख़तरा सामान्य व्यक्ति से अधिक होता है। फिर ऐसे लोगों की हड्डियाँ एक से अधिक बार भी टूट सकती हैं। फिर इनमें हड्डियों के पुनः जुड़ने की दर धीमी और अधूरी रहती है। धुआँ एक-साथ हर अंग में मौत का प्रसार करता है। उसकी हानियाँ अनेक हैं। बहुत सी ऐसी , जिनके बारे में लोग जानते नहीं।

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