सिनेमा
सहजता की याददिहानी
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'बीइंग देयर’ एक संयोग कथा है.
एक फूल जैसे कोमलमना माली (चांस) की कथा, जिसने पौधों से इतर दुनिया देखी नहीं. टेलिविज़न दुनिया से संपर्क का उसके पास एकमात्र ज़रिया रहा. लेकिन हालात जब उसे देहरी से बाहर धकेलते हैं, तब कम अनुभव, अचरज-दृष्टि, बेलाग बोल और स्नेहिल स्वभाव की पूँजी उसे उस ऊँचाई तक लिए चली जाती है, जहॉं अक्सर लोग दूसरों की गर्दन पर पॉंव रख कर पहुँचते हैं!
बनावटी इंसान, उसकी सज-धज और कमीनेपन को चांस बग़ैर कड़वा या व्यंग्यात्मक हुए अपनी सीधी-सहज और निर्मल बोली से उधेड़ते चलते हैं. उनकी संयोग-कथा मनुष्यों को इस बात की याददिहानी भी है कि धरती पर ‘सहज-प्राण’ होना कितना बड़ा गुण है.
चांस की कथा जर्ज़ी कोसिंस्की ने गढ़ी है और फ़िल्म में उनका किरदार पीटर सेलर्स ने जिया है. वही सेलर्स जिन्होंने महान युद्धविरोधी फ़िल्म ‘डॉक्टर स्ट्रेंजलव’ में अभिनय के झंडे गाड़े. •••
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