महिला मित्र को कॉकपिट में बुलाना पायलट को महंगा पड़ा
फरवरी में दुबई से दिल्ली की उड़ान के दौरान एक महिला मित्र को पायलट ने कॉकपिट में एंट्री दे दी थी। महिला मित्र कॉकपिट में ही रही थी। शिकायत होने पर डीजीसीए ने जांच का आदेश दिया था।
दुबई से दिल्ली की फ्लाइट के दौरान पायलट को अपनी एक महिला मित्र को कॉकपिट में एंट्री देना और बैठाना महंगा पड़ गया है। पायलट पर बड़ी कार्रवाई की गई है। उसे तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। उधर, डीजीसीए ने एयर इंडिया पर इस मामले में कार्रवाई करते हुए 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा दिया है।
फरवरी में दुबई से दिल्ली की उड़ान के दौरान एक महिला मित्र को पायलट ने कॉकपिट में एंट्री दे दी थी। महिला मित्र कॉकपिट में ही रही थी। शिकायत होने पर डीजीसीए ने जांच का आदेश दिया था। जांच में डीजीसीए ने पायलट के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। इसके अलावा एयर इंडिया को भी इस लापरवाही में दोषी माना था। डीजीसीए ने को-पायलट को भी चेतावनी दी है।
एयर इंडिया पर कार्रवाई के बाबत नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा, "फ्लाइट के कमांडिंग पायलट ने डीजीसीए के नियमों का उल्लंघन करते हुए यात्री के रूप में यात्रा कर रही एयर इंडिया के एक कर्मचारी को क्रूज के दौरान कॉकपिट में प्रवेश की अनुमति दी।" डीजीसीए ने कहा कि एयर इंडिया ने सुरक्षा संवेदनशीलता का उल्लंघन होने के बावजूद त्वरित एक्शन नहीं लिया। एयर इंडिया पर मामले में लापरवाही बरतने और प्रभावी कार्रवाई नहीं करने पर 30 लाख रुपये जुर्माना किया गया है।
विमान नियम 1937 के तहत अपने अधिकार के दुरुपयोग और लागू DGCA नियमों के उल्लंघन की अनुमति देने के लिए पायलट लाइसेंस को तीन महीने की अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है। डीजीसीए ने कहा कि उल्लंघन को रोकने में मुखर नहीं होने के लिए सह-पायलट को चेतावनी दी गई है। दरअसल, अनाधिकृत लोगों को कॉकपिट में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है और ऐसा कोई भी प्रवेश नियमों का उल्लंघन है।
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