ईरान कंगाल पाकिस्तान को इंटरनेशनल कोर्ट में घसीट सकता है
कंगाली के दलदल में फंसे पाकिस्तान को ईरान बहुत बड़ा झटका देने वाला है और ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने पाकिस्तान को इंटरनेशनल कोर्ट में घसीटने की धमकी दी है।
पाकिस्तानी अखबर ट्रिब्यून एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने कहा है, कि वो पाकिस्तान के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट में मुकदमा दायर करेगा। अगर, ईरान ऐसा करता है, तो फिर पहले से ही आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान की स्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाएगी, क्योंकि उसकी स्थिति अरबों डॉलर का जुर्माना भरने की नहीं है। ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, कि ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन परियोजना (आईपी) को लेकर ईरान नाराज है और उसने धमकी दी है, कि वो पाकिस्तान के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट में मुकदमा करेगा।
ईरान की धमकी के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ डर गये हैं और उन्होंने कहा है, कि "दोनों देशों के बीच कानूनी लड़ाई से बचने के लिए राजनयिक चैनलों का उपयोग करने का इरादा रखना चाहिए।" हालांकि, ईरान ने इस ऑफर को ठुकरा दिया है। सूत्रों के हवाले से द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को अधिकारियों ने बताया है, कि ये स्थिति के काफी ज्यादा संवेदनशील है, लिहाजा शहबाज शरीफ डिप्लोमेटिक बातचीत का ऑफर दे रहे हैं।
वहीं, घटनाक्रम से परिचित अधिकारियों ने कहा, कि ईरान का दावा है, कि उसने अपने क्षेत्र में ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन परियोजना (आईपी) के पहले हिस्से का काम कर लिया है, जिसमें उसने 2 अरब डॉलर खर्च कर दिए हैं, लेकिन दूसरी तरफ, पाकिस्तान ने निर्माण पर काम करना भी शुरू नहीं किया है। ईरान और पाकिस्तान के बीच जो समझौता हुआ था, उसमें साफ साफ लिखा गया है, कि अगर कोई पक्ष प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद पीछे हटता है, या फिर काम बंद कर देता है, तो उसके खिलाफ मुकदमा होगा और 18 अरब डॉलर का हर्जाना भरना पड़ेगा और इसीलिए पाकिस्तान डरा हुआ है।
वहीं, पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है, कि ईरान के पास अब अंतरराष्ट्रीय अदालत में मामला दायर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। अधिकारियों ने कहा, कि "अगर ईरान अंतरराष्ट्रीय अदालत में मामला दर्ज नहीं करता है, तो उसे पाकिस्तान के खिलाफ इस दावे को वापस लेना होगा, कि परियोजना पूरी नहीं होने की स्थिति में, कोई पक्ष कानूनी कार्रवाई कर सकता है"। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा, कि "अगर ईरान अंतरराष्ट्रीय अदालत में नहीं जाता है, तो इसके लिए ईरान को आईपी गैस पाइपलाइन परियोजना को लेकर अपने 18 अरब डॉलर के दावे को सरेंडर करना होगा।" लेकिन, सवाल ये उठ रहे हैं, कि भला ईरान ऐसा क्यों करेगा? हालांकि ईरान ने पाकिस्तान को मुकदमा दर्ज करने के अपने फैसले की जानकारी अभी तक नहीं दी है, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों का मानना है, कि वह आईपी गैस पाइपलाइन परियोजना पर अपने अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए कानूनी लड़ाई शुरू कर सकता है।
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