हिन्दी कविता
                                चाहे मृत्यु को गाओ
चाहे जवानी को चाहे
माटी को गाओ चाहे
पानी को तरल रखो प्राणों को
सरल रखो बानी को...
भवानी_प्रसाद_मिश्र
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                                चाहे मृत्यु को गाओ
चाहे जवानी को चाहे
माटी को गाओ चाहे
पानी को तरल रखो प्राणों को
सरल रखो बानी को...
भवानी_प्रसाद_मिश्र