सेहत की बात
प्रोस्टेट बढ़ना (Benign Prostatic Hypertrophy)- BPH BPH
यानी प्रोस्टेट का बढ़ना, उम्र के बढ़ने के साथ होने वाला बदलाव है, यह कैंसर नहीं है। इस रोग के लक्षण 55 वर्ष की आयु तक हर 4 में से 1 पुरुष में नजर आने लगते हैं। और 75 वर्ष की आयु तक आधे पुरुषों में प्रोस्टेट के बढ़ने के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
लक्षण
1. जोर लगाने के बावजूद पेशाब शुरू होने में देर लगना और दिक्कत होना
2. पेशाब की कमजोर धार, और इस में रुकावट
3. आखिर में बूंद- बूंद होकर पेशाब आना
4. पेशाब जाने की प्रबल इच्छा
5. बार बार पेशाब होना
6. रात में पेशाब के लिए बार बार उठना
7. पेशाब कर लेने के बाद भी ब्लेडर खाली न होना इन सभी लक्षणों की वजह से रोजमर्रा का जीवन बहुत प्रभावित होता है
प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने को अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में 3 grades में बांटा गया है। 1st, 2nd , व 3rd ग्रेड। लक्षणों के बहुत ज्यादा बढ़ने पर एलोपैथी चिकित्सा में प्रोस्टेट को सर्जरी के विभिन्न तरीकों द्वारा आपरेशन करके हटाने का ही एक मात्र उपाय है।
होम्योपैथी चिकित्सा में नियमित दवाओं द्वारा प्रोस्टेट को पहले की तरह सामान्य स्थिति में लाया जाना संभव है।
प्रोस्टेट की 1st व 2nd Grade की वृद्धि को वापिस सामान्य कर देना, होम्योपैथी दवाओं द्वारा संभव है।
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