कम नहीं हो रहीं राहुल गांधी की मुश्किलें

सूरत की अदालत ने 23 मार्च को गांधी को 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए 30 दिन के लिए सजा को निलंबित कर दिया था

अप्रैल 1, 2023 - 11:51
अप्रैल 1, 2023 - 12:42
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कम नहीं हो रहीं राहुल गांधी की मुश्किलें

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में मोदी सरनेम मामले में सूरत की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी जिसके बाद उनकी संसद सदस्यता चली गई थी। वहीं अब एक आरएसएस कार्यकर्ता ने शुक्रवार को ठाणे कोर्ट को सूचित किया कि जिस तरह गुजरात की कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया है, वैसा ही एक मामला ठाणे कोर्ट में भी है। चूंकि अब राहुल सांसद नहीं हैं तो उन्हें मिली स्थाई छूट रद्द की जाए और अब वह मानहानि मामले में कोर्ट में पेश हो सकते हैं।

राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की आपराधिक शिकायत दर्ज कराने वाले RSS कार्यकर्ता ने अदालत से कहा कि राहुल गांधी अब सांसद नहीं हैं इसलिए वह ठाणे में मानहानि मामले में पेश हो सकते हैं। कार्यकर्ता ने व्यक्तिगत पेशी से स्थायी छूट का आग्रह करने वाले गांधी के आवेदन का विरोध किया। दरअसल, शिकायतकर्ता राजेश कुंटे ने राहुल गांधी के एक भाषण पर 2014 में भिवंडी मजिस्ट्रेट की अदालत में एक निजी शिकायत दर्ज कराई थी।

राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने अपने भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को महात्मा गांधी की हत्या का जिम्मेदार बताया था। कुंटे ने दावा किया कि इस बयान से आरएसएस की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। इस मामले में राहुल गांधी जून 2018 में अदालत के सामने पेश हुए थे और उन्होंने आरोप को स्वीकार नहीं किया था। साल 2022 में उन्होंने इस आधार पर अदालत में पेश होने से स्थायी छूट की मांग करते हुए आवेदन दायर किया था कि वह सांसद हैं और उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करना पड़ता है, पार्टी के काम में शामिल होना पड़ता है और अक्सर यात्रा करनी पड़ती है। 

अब दो दिन पहले राजेश कुंटे ने राहुल गांधी के आवेदन का विरोध करते हुए अदालत में एक लिखित नोट दिया, जिसमें कहा गया कि मानहानि के मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा गांधी को दोषी ठहराए जाने के बाद कांग्रेस नेता को सांसद पद से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। कुंटे ने कहा कि चूंकि राहुल गांधी अब सांसद नहीं हैं इसलिए व्यक्तिगत पेशी से स्थायी छूट की मांग करने वाला उनका आवेदन अनावश्यक है। उन्होंने कहा कि जिस अपराध के तहत राहुल को दोषी ठहराया गया है और दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है, वह वर्तमान मामले के समान ही था। 

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